कोलकाता, 2 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने अपने जिले का दौरा जारी रखते हुए आगामी पंचायत चुनावों को लेकर चल रहीं झड़पों से प्रभावित लोगों से बातचीत की, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने शनिवार को इस मामले में राज्यपाल पर तीखा हमला बोला।उन्होंने कहा, "राज्य ने पहले भी कई राज्यपाल देखे हैं। उनमें से कई ने राज्य के विकास के लिए सरकार के साथ मिलकर काम किया है। लेकिन मैंने कभी किसी राज्यपाल को इस तरह का काम करते नहीं देखा। वह कुछ मुद्दों पर जरूरत से ज्यादा सक्रिय हैं। वह यह भूल रहे हैं कि कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करना राज्य सरकार का प्रमुख कर्तव्य है।।"
बंद्योपाध्याय ने कहा, "यह ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां राज्यपाल को हस्तक्षेप करना चाहिए। कई मामलों में वह अपनी संवैधानिक सीमाओं से परे काम कर रहे हैं। उन्होंने शिकायत पुस्तिका खुद ही खोली है। ऐसी चीजें किसी अन्य राज्य में नहीं होती हैं।"
जब स्पीकर ने यह टिप्पणी तब की, जब राज्यपाल कूचबिहार जिले के दिनहाटा के अशांत इलाकों के दौरे पर हैं, जो ग्रामीण नागरिक निकाय चुनावों के लिए नामांकन चरण के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़पों के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में रहा है।
राज्यपाल ने भी पंचायत चुनावों को लेकर हिंसा और झड़प की लगातार घटनाओं को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा, "कूचबिहार जिले से हिंसा की बहुत सारी खबरें आई हैं। मैं पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहता हूं। अगर लोग चाहें तो वे मेरे काफिले को रोक सकते हैं और मुझसे बात कर सकते हैं। बंगाल में हिंसा की ऐसी घटनाएं अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। इस हिंसा के लिए जिम्मेदार गुंडों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।''
यह पहली बार नहीं है कि बंद्योपाध्याय ने राज्यपाल की भूमिका की आलोचना की है। बोस के पूर्ववर्ती और मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न अवसरों पर स्पीकर के क्रोध का सामना करना पड़ा था।
स्पीकर ने विशेष रूप से धनखड़ द्वारा विधानसभा परिसर के भीतर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने और वहां से राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधने को लेकर आपत्ति जताई थी।
--आईएएनएस
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