नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पों के बाद एक विशेष समुदाय के आर्थिक बहिष्कार के आह्वान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस से कहा, "गुड़गांव में एक बहुत गंभीर घटना हुई है। एक आह्नवान है कि अगर आप इन लोगों को दुकानों में काम पर रखेंगे, तो आप सभी गद्दार होंगे। हमने एक याचिका दायर की है।" सिब्बल ने चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ से ये बात अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान लंच ब्रेक में कही।
सिब्बल ने मामले का उल्लेख किया और याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की।
पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष पीठ ने दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा नियोजित विरोध रैलियों के दौरान किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरा भाषण न दिया जाए या हिंसा या संपत्ति को नुकसान न हो।
इस साल अप्रैल में, शीर्ष अदालत ने इस बात पर जोर दिया था कि संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में देखता है, साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नफरत भरे भाषण पर सख्त कार्रवाई करने और शिकायत का इंतजार किए बिना दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था।
हरियाणा के मेवात के नूंह में 31 जुलाई को एक पूजा स्थल की ओर जा रहे एक धार्मिक जुलूस पर कथित तौर पर हमला होने के बाद सांप्रदायिक झड़पें हुईं।
हिंसा गुरुग्राम और दिल्ली से सटे हरियाणा के कुछ जिलों और उत्तर प्रदेश तक फैल गई।
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