नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को शुक्रवार को लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय में राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया। वहीं 'आप' के पहले से निलंबित राज्यसभा सांसद संजय सिंह का निलंबन भी बढ़ा दिया गया है। राज्यसभा सभापति के मुताबिक दोनों सांसद विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के कुल 10 सांसद हैं।
राज्यसभा के नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि संजय सिंह राज्यसभा के ऐसे सांसद हैं, जो बीते 12 सत्रों के दौरान 56 बार राज्यसभा के वेल में आए। उन्हें अभी तक अलग-अलग सत्रों के लिए सस्पेंड भी किया गया। बावजूद इसके उनके आचरण में कोई सुधार नहीं आया है। इसी को देखते हुए संजय सिंह के खिलाफ सख्त निर्णय लिया गया।
वहीं, राघव चड्ढा को सदन में बार-बार गलत काम करने वाला व्यक्ति बताया गया है। संजय सिंह और राघव चड्ढा का निलंबन लंबे समय के लिए लागू रह सकता है।
आम आदमी पार्टी के दोनों सांसद विशेषाधिकार कमेटी की रिपोर्ट आने तक राज्यसभा से सस्पेंड रहेंगे।
गौरतलब है कि सदन में 7 अगस्त को राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 पर चर्चा के दौरान राघव चड्ढा ने प्रस्ताव दिया था कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
उनके इस प्रस्ताव में सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सस्मित पात्रा व नागालैंड की सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम भी था।
इन सांसदों ने कहा है कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर साइन ही नहीं किया, ना ही उनको इसकी कोई जानकारी थी।
शुक्रवार को नेता सदन पीयूष गोयल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राघव चड्ढा लगातार गलत आचरण में शामिल पाए गए हैं।
गोयल के मुताबिक राघव ने न केवल सांसदों की सहमति या चर्चा के बिना उनके नाम का इस्तेमाल किया, बल्कि राघव के इस कदम से सांसदों की मुश्किलें बढ़ सकती थी।
सांसद अपनी पार्टी के व्हिप से जुड़े हुए थे और व्हिप का उल्लंघन करने पर सांसदों की सदस्यता भी जा सकती थी।
राघव की प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी आधार बनाकर उन्हें सस्पेंड किया गया है। पीयूष गोयल ने कहा कि जब मामला प्रिवेलेज कमेटी के पास है तो मीडिया में खुद को डिफेंड करना नियमों का उल्लंघन है।
पीयूष गोयल ने इन सांसदों के संबंध में निलंबन व निलंबन को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। गोयल ने कहा कि कई सदस्यों की शिकायत से साफ है कि यह नियमों का उल्लंघन है। यह प्रिविलेज का उल्लंघन है।
उन्होंने बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा का हवाला देते हुए कहा कि बिना उनसे पूछे या चर्चा किए ही उनका नाम सेलेक्ट कमेटी वाले प्रस्ताव में डाल दिया गया।
इसी तरह के आचरण से कुल 6 राज्यसभा सांसद व्यथित हुए और वे सभापति से अपने अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं।
गोयल ने कहा कि राघव चड्ढा ने सदन के बाहर भी गलत बयानबाजी की। वह प्रेस में गलत बयान देते रहे थे। राघव ने यह भी झूठ बोला कि उनके साथी सांसद संजय सिंह को सवाल पूछने के कारण सस्पेंड किया गया। जबकि, संजय सिंह को उनके दुर्व्यवहार के कारण राज्यसभा से निलंबित किया गया था।
राज्यसभा ने आधिकारिक जानकारी में बताया कि सभापति जगदीप धनखड़ को राज्यसभा सांसदों सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से राघव चड्ढा के खिलाफ शिकायतें मिली हैं।
--आईएएनएस
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