भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में 50 फीसदी कमीशनबाजी का आरोप लगाने वाली कांग्रेस के नेताओं के तरकश से आरोपों के तीर निकल रहे हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने जहां शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की आशंका जताई है तो पूर्व मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने बोर्ड परीक्षा के पर्चों को लीक कराने में शामिल भाजपा नेताओं व अफसरों को बचाने के आरोप लगाए हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव करीब है और कांग्रेस के भाजपा सरकार पर हमले तेज हो चले हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने 50 फीसदी कमीशन का आरोप लगाया, जिसमें उन्हें कांग्रेस के नेताओं का साथ मिला और यह मामला सियासी गलियारों से पुलिस थाने तक पहुंच गया है।
अब यादव ने शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। यादव ने ट्वीट कर कहा, शिक्षक भर्ती में फिर से गड़बड़ी ? सरकार ने दो मई 2023 को 7500 शिक्षक भर्ती वर्ग तीन का विज्ञापन निकाला।
लिखित परीक्षा पास करने के बाद काउंसिलिंग के लिए 6500 से अधिक चयनित शिक्षकों को बुलाया। यानी विज्ञापन से 1000 कम। फिर 10 अगस्त को निकाले एक आदेश के अनुसार अभी तक जिलेवार नियुक्ति सिर्फ 5500 शिक्षकों की हुई।
चयनित शिक्षक इस बात से परेशान हैं कि आखिर सरकार ने 2000 पदों का क्या किया? चयनित शिक्षकों को इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है।
वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने बोर्ड परीक्षाओं के पर्चे लीक होने का मामला उठाया।
उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश की भ्रष्ट सरकार ने स्वीकारा पेपर लीक घोटाला,10वीं एवं 12वीं के पेपर हुए हैं लीक। इस मामले में बड़े नेताओं एवं बड़े अधिकारियों को भाजपा सरकार बचा रही है। जांच में प्रिंसिपल, टीचर एवं चपरासी के शामिल होने के सबूत मिले हैं।
जाफर ने आगे कहा है कि इतना बड़ा घोटाला बिना सरकार के मंत्रियों एवं बड़े अफसर के सहयोग के नहीं हो सकता है। घोटाले की वजह से योग्य बच्चे निराश हैं कमीशनखोरी बच्चों का भविष्य निगल गई है। शिवराज को भ्रष्टतम सरकार के मुखिया होने पर एवं होनहार बच्चों के भविष्य को अंधकारमय करने पर कब शर्म आएगी। जो 50 प्रतिशत कमीशन खाता है, भ्रष्टाचार में अव्वल आता है।
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