💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्नी-क्रूरता के शिकार व्यक्ति की तलाक याचिका को अनुमति देने का आदेश बरकरार रखा

प्रकाशित 18/08/2023, 12:00 am
दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्नी-क्रूरता के शिकार व्यक्ति की तलाक याचिका को अनुमति देने का आदेश बरकरार रखा

नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी द्वारा मानसिक क्रूरता के दावे के आधार पर तलाक की डिक्री देने के पारिवारिक न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है।न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने अपनी टिप्पणी में अवैध संबंध के झूठे आरोपों को "अंतिम प्रकार की क्रूरता" माना और कहा कि ऐसे आरोप एक सफल वैवाहिक रिश्ते के लिए आवश्यक विश्वास को खत्म कर देते हैं।

अदालत ने कहा, "अवैध संबंध के झूठे आरोप क्रूरता की चरम सीमा हैं क्योंकि यह पति-पत्नी के बीच विश्वास और भरोसे के पूरी तरह टूटने को दर्शाता है जिसके बिना कोई भी वैवाहिक रिश्ता टिक नहीं सकता।"

पीठ ने पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ पत्नी की अपील को खारिज कर दिया। पारिवारिक अदालत ने पत्नी द्वारा क्रूरता के आधार पर हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(आई-ए) के तहत पति की तलाक याचिका को अनुमति दी थी।

दंपत्ति की शादी मार्च 2009 में हुई थी। उनकी एक बेटी भी है। पति ने दावा किया कि उसकी पत्नी उस पर विभिन्न प्रकार के अत्‍याचार करती है, जिसने मार्च 2016 में ससुराल छोड़ दिया था।

अदालत ने कहा कि पति की बिना खंडन की गई गवाही इस बात की पुष्टि करती है कि वह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ती थी और उसके साथ संवाद करने और तर्क करने की कोशिशों के बावजूद अड़ियल रुख बनाए रखती थी।

अदालत ने सहवास को वैवाहिक रिश्ते के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में देखा और इस बात पर प्रकाश डाला कि पत्नी द्वारा पति को बिना किसी सूचना के लंबे समय तक छोड़ने और सहवास को रोकने के कार्य महत्वपूर्ण कारक थे।

पीठ ने कहा कि हालांकि व्यक्तिगत दलीलें छोटी लग सकती हैं, लेकिन उनका संचयी प्रभाव मानसिक शांति को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है और यदि वे बार-बार घटित हों तो पीड़ा पैदा कर सकता है।

अदालत ने पति के इस दावे पर भी विचार किया कि पत्नी ने बालकनी से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया था, जिससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा और वैवाहिक रिश्ते पर असर पड़ा।

पति के विवाहेतर संबंधों के पत्नी के आरोप के संबंध में, अदालत ने ऐसे दावों का समर्थन करने वाले सबूतों की कमी की ओर इशारा किया। अदालत ने इन आरोपों को वैवाहिक रिश्ते के लिए हानिकारक और "अंतिम कील" के समान माना, जो समग्र मानसिक क्रूरता में योगदान देता है।

पीठ ने पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया कि सामूहिक रूप से चर्चा किए गए उदाहरणों ने पर्याप्त मानसिक क्रूरता का प्रदर्शन किया, जो हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 (1) (आईए) के तहत तलाक के लिए पति के अधिकार को उचित ठहराता है।

--आईएएनएस

एकेजे

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित