जयपुर, 29 अगस्त (आईएएनएस)। राजस्थान के कोटा में इस साल 28 अगस्त तक 23 छात्रों की आत्महत्या के बाद प्रशासन सख्त होता नजर आ रहा है। उसने शहर में छात्रों के लिए मनोरंजक गतिविधियां आयोजित करने का फैसला किया है।प्रमुख शासन सचिव (शिक्षा) भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य स्तरीय समिति की बैठक हुई, जिसमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने पर चर्चा की गई।
बैठक में जिला प्रशासन ने कई निर्णय लिये। अब हर बुधवार को आधे समय के लिए ही कोचिंग कक्षाएं लगेंगी, बाकी समय मनोरंजक गतिविधियां होंगी। इसके साथ ही सचिव ने कोचिंग संचालकों से आत्महत्या रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा।
राज्य स्तरीय समिति के सदस्य 2 सितंबर को कोटा जाएंगे। बैठक में जिला परिषद के सीईओ, अतिरिक्त कलक्टर, पुलिस अधिकारी, मनोचिकित्सक एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
इससे पहले रविवार को दो छात्रों की आत्महत्या के बाद जिला कलेक्टर ने घोषणा की थी कि दो महीने तक कोई परीक्षा नहीं होगी और आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
निर्णय लिया गया कि बुधवार को छात्र तीन घंटे पढ़ाई करेंगे और बाकी समय फन एक्टिविटी होगी। काउंसलर की योग्यता की जांच होगी।
बड़े पैमाने पर प्रेरक या वक्ता बुलाये जायेंगे। वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए जाएंगे।
कोचिंग में कोर्स कम करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी बनाकर कोर्स कम करने के सुझाव लेंगे।
छात्र समस्याओं की शिकायत ऑनलाइन कर सकते हैं। इसके लिए एक फॉर्म भरना होगा।
इसके अलावा पुलिस ने छात्र थाना खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। एसपी शरद चौधरी ने एएसपी श्रीमन मीना के साथ मिलकर इसे तैयार कराया। प्रस्ताव में कहा गया है कि छात्र थाने की निगरानी डीएसपी के हाथ में होगी। यह थाना पूरे शहर के कोचिंग छात्रों की समस्याओं पर गौर करेगा। मीना ने बताया कि पुलिस ने पांच साल के आंकड़ों के आधार पर यह फैसला लिया है।
इसमें एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर, तीन सब-इंस्पेक्टर, छह एएसआई, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत 60 का पूरा स्टाफ होगा। प्रशासनिक अधिकारियों, सामाजिक संगठनों, हॉस्टल व कोचिंग के लोगों को भी जोड़ा जायेगा। एफआईआर दर्ज की जाए या नहीं, यह प्रस्ताव देखने के बाद सरकार तय करेगी।
इस साल आत्महत्या के 23 मामलों में से पांच अगस्त के हैं।
एक माह के अंदर तीन बैठकें भी हो चुकी हैं। सीएम अशाेक गहलाेत ने 19 अगस्त को खुद कोचिंग संचालकों की बैठक ली थी। इसमें राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया। इसके साथ ही प्रवेश से पहले छात्रों की काउंसलिंग अनिवार्य कर दी गई। साप्ताहिक अवकाश का भी निर्णय हुआ।
--आईएएनएस
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