40% की छूट पाएं
नया! 💥 प्राप्त करें प्रोपिक्स जो रणनीति देखने के लिए जिसने S&P 500 को 1,183%+ से हराया है40% की छूट क्लेम करें

झारखंड हाईकोर्ट ने लेबर कोर्ट के निर्णय पर बर्खास्त किए गए सीसीएल के 44 कामगारों की नौकरी फिर से बहाल की

प्रकाशित 25/09/2023, 11:16 pm
झारखंड हाईकोर्ट ने लेबर कोर्ट के निर्णय पर बर्खास्त किए गए सीसीएल के 44 कामगारों की नौकरी फिर से बहाल की

रांची, 25 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की करगली और स्वांग कोल वाशरी में काम करने वाले 44 स्थायी कामगारों की वर्ष 2017 में बर्खास्तगी को रद्द करते हुए उन्हें फिर से नौकरी में बहाल करने का आदेश दिया है। इन कामगारों की बर्खास्तगी के सीसीएल मैनेजमेंट के फैसले पर धनबाद जिला लेबर कोर्ट ने भी मुहर लगाई थी। हाईकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बर्खास्त किए गए इन मजदूरों की अपील याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि लेबर कोर्ट द्वारा किसी कर्मी को बर्खास्त करने का आदेश देना उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी की है कि लेबर कोर्ट का काम श्रम विवादों का निपटारा करना है। वह खुद विवाद उत्पन्न करे, ऐसा नहीं होना चाहिए।

सीसीएल की करगली और स्वांग कोल वाशरियों में वर्ष 1980 के आसपास से 300 से ज्यादा मजदूर कांट्रैक्ट यानी ठेका के आधार पर अस्थायी रूप से काम कर रहे थे। वर्ष 1990 में ठेका मजदूर यूनियन ने भारत सरकार के एक आदेश का हवाला देते हुए इन मजदूरों की सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर धनबाद लेबर कोर्ट में मुकदमा किया था।

इस पर सुनवाई करते हुए 1996 में कोर्ट ने इनकी सेवा स्थायी करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सीसीएल प्रबंधन ने हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन फैसला श्रमिकों के पक्ष में आया। इसके बाद वर्ष 2010 में इनमें से 134 मजदूरों को सीसीएल मैनेजमेंट ने स्वांग और करगली कोल वाशरी में स्थायी तौर पर नियुक्ति दी गई थी।

तृतीय पक्ष विज्ञापन। Investing.com द्वारा कोई प्रस्ताव या अनुशंसा नहीं। यहां प्रकटीकरण देखें या विज्ञापन हटा दें

लेकिन, इसके बाद वर्ष 2012 में सीसीएल ने इनके खिलाफ कुछ शिकायतों के आलोक में विभागीय कार्यवाही शुरू की। इस पर मजदूरों ने एक बार फिर धनबाद के लेबर कोर्ट की शरण ली। इस मामले में वर्ष 2017 में लेबर कोर्ट का आदेश आया, जिसमें इन मजदूरों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया गया था। इसके बाद सीसीएल ने इन्हें बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी के आदेश के खिलाफ 44 मजदूरों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया है।

--आईएएनएस

एसएनसी

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित