💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी बंगला आवंटन मामले पर ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राघव चड्ढा को राहत दी

प्रकाशित 18/10/2023, 12:02 am
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी बंगला आवंटन मामले पर ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ राघव चड्ढा को राहत दी

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए मंगलवार को सरकारी बंगला आवंटन मामले में आप सांसद राघव चड्ढा को राहत दे दी।उच्च न्यायालय ट्रायल कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ गया, जिसमें कहा गया था कि आवंटन रद्द होने और विशेषाधिकार वापस लेने के बाद राघव चड्ढा के पास सरकारी बंगले पर कब्जा जारी रखने का निहित अधिकार नहीं है।

5 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुधांशु कौशिक ने अपना अंतरिम आदेश रद्द कर दिया, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना सांसद को बंगले से बेदखल करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया था।

सांसद का आधिकारिक आवास पंडारा रोड में एक सरकारी टाइप-7 बंगला है, जो लुटियंस दिल्ली के अंतर्गत आता है। ये बंगले उन सांसदों को आवंटित किए जाते हैं, जिन्होंने मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्यपाल के रूप में कार्य किया है।

मंगलवार को न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का 18 अप्रैल का आदेश, जिसने राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को बेदखल न करने का निर्देश दिया था, पुनर्जीवित किया गया है।

ट्रायल कोर्ट का आदेश चड्ढा के बंगले का आवंटन रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय के फैसले के खिलाफ उनके मुकदमे में आया था। सचिवालय ने तब न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए एक समीक्षा आवेदन दायर किया था, जो अब रद्द हो गया है।

अदालत ने कहा था : "वादी (राघव चड्ढा) यह दावा नहीं कर सकता कि उसे राज्यसभा के सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान आवास पर कब्जा जारी रखने का पूर्ण अधिकार है। सरकारी आवास का आवंटन केवल वादी को दिया गया विशेषाधिकार है। आवंटन रद्द होने के बाद भी उसे उस पर कब्जा जारी रखने का कोई निहित अधिकार नहीं है।"

सचिवालय का कहना था कि सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 80(2) में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन किए बिना चड्ढा को अंतरिम राहत दी गई।

सचिवालय के अनुसार, प्रावधान के तहत ऐसी राहत देने से पहले दोनों पक्षों की सुनवाई की जानी चाहिए थी। अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए अदालत ने चड्ढा की इस दलील को खारिज कर दिया था कि एक बार किसी सांसद को आवास आवंटित हो जाने के बाद इसे उनके पूरे कार्यकाल के दौरान किसी भी परिस्थिति में रद्द नहीं किया जा सकता।

अदालत ने कहा था कि यह निर्धारित करने के उद्देश्य से कि क्या सीपीसी की धारा 80(2) के तहत एक आवेदन स्वीकार किया जाना चाहिए, अदालत को दोनों पक्षों को सुनना होगा, मुकदमे की प्रकृति पर विचार करना होगा और इसकी तात्कालिकता का आकलन करना होगा। अंतिम निर्णय लेने से पहले इसने कहा था कि चड्ढा के मामले में दी गई अंतरिम राहत एक स्पष्ट त्रुटि थी, और 18 अप्रैल के आदेश को वापस ले लिया गया।

अदालत ने निष्कर्ष निकाला था कि चूंकि मुकदमे में तत्काल राहत की जरूरत नहीं है, इसलिए वादी को सीपीसी की धारा 80(1) की जरूरतों का अनुपालन करने के बाद मामले को फिर से दायर करना चाहिए।

अदालत ने अप्रैल में सचिवालय को निर्देश दिया था कि आवेदन लंबित रहने के दौरान कानून की उचित प्रक्रिया के बिना चड्ढा को बंगले से बेदखल न किया जाए। न्यायाधीश ने कहा था कि वह एक सांसद के पूरे कार्यकाल के दौरान सचिवालय द्वारा किए गए आवंटन को रद्द न करने के संबंध में वादी द्वारा दिए गए तर्क पर टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने वादी के दावे को स्वीकार किया कि किसी व्यक्ति को उचित आदेश का पालन किए बिना बेदखल नहीं किया जा सकता।

चड्ढा की इस दलील पर भी विचार किया गया कि सचिवालय ने जल्दबाजी दिखाई और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना उन्हें बेदखल किए जाने की प्रबल संभावना है।

--आईएएनएस

एसजीके

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित