तिरुवनंतपुरम, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। वामपंथ के जीवित दिग्गजों में से अंतिम वीएस अच्युतानंदन शुक्रवार को 100 साल के हो जाएंगे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 34 सदस्यों में से एक रहे अच्युतानंदन ने 1964 में सीपीआई-एम बनाने के लिए पार्टी छोड़ दी थी। अच्युतानंदन को सभी लोग वीएस के नाम से जानते हैं। वह पिछले चार वर्षों से सार्वजनिक चकाचौंध से दूर हो गए हैं और यहां राज्य की राजधानी में अपने बेटे के घर पर रह रहे हैं। 2006-11 तक मुख्यमंत्री रहे, पिछले पांच वर्षों में वह विपक्ष के नेता थे।
हालांकि, उन्होंने 2016 के विधानसभा चुनावों में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले वामपंथ का नेतृत्व किया था, पिनाराई विजयन ने अच्युतानंदन और उनका समर्थन करने वालों की इच्छाओं के विपरीत मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था।
जब विजयन ने शपथ ली, तो अच्युतानंदन को प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष पद दिया गया, जो कैबिनेट स्तर का पद था, जिस पर वे उम्र बढ़ने तक बने रहे। उन्होंने पहली विजयन सरकार के अंतिम दिनों में पद छोड़ दिया था और उसके बाद से वह व्यावहारिक रूप से घर के अंदर ही हैं।
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