नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। मजबूत आर्थिक विकास दर और महंगाई कम रहने के कारण व्यापक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की जड़ें वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में मजबूत रहेंगी। यह बात ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा की ओर से कही गई। नोमुरा ने कहा कि भारत में रिटेल महंगाई दर वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 4.8 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि वित्त वर्ष 24 के अंत में 5.7 प्रतिशत थी।
ला नीना, चावल के पर्याप्त भंडार और दालों का उत्पादन बढ़ने के कारण खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में भी कमी देखने को मिल सकती है।
नोमुरा के एनालिस्ट ने आने वाले बजट को लेकर कहा है कि इसमें फोकस पूंजीगत व्यय और राजकोषीय समेकन पर हो सकता है।
ब्रोकरेज का फोकस मैन्युफैक्चरिंग और खपत से जुड़ी निवेश थीम्स पर है।
नोमुरा ने कहा कि बजट सरकार की दिशा को दिखाएगा। इसमें पहले के मुकाबले कोई ज्यादा बदलाव नहीं देखने को मिलेगा।
बता दें कि केंद्र में नई सरकार के बनने के बाद पूर्ण बजट इसी महीने पेश किया जाना है।
मौजूदा समय में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी की विकास दर 8.2 प्रतिशत थी, जो कि चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
नोमुरा का मानना है कि भारत में सुधार राजनीति की कसौटी पर खरे उतरे हैं। हमारा मानना है कि सरकार सुधारों की गति जारी रकेगी। जमीन और श्रम से जुड़े कठिन सुधार को राज्यों पर छोड़ दिया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव काफी मजबूत है। देश की वृद्धि दर तेज बनी हुई है। महंगाई कम हो रही है और साथ ही चालू खाते की स्थिति भी उत्साह पैदा करने वाली है।
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