रांची, 19 जून (आईएएनएस)। झारखंड सरकार ने राज्यभर में ड्रग्स और नशे के खिलाफ अभियान की शुरुआत की है। 26 जून तक राज्य के सभी स्कूलों, कॉलेजों, गांवों और शहरों तक नशामुक्ति का संदेश पहुंचाया जाएगा और लोगों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार शाम झारखंड मंत्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम में नशाबंदी जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए रवाना किया। उन्होंने कहा कि नशा हमारे समाज के ताना-बाना को बर्बाद कर देता है। एक व्यक्ति नशा करता है तो उसका खामियाजा उसका पूरा परिवार, समाज और देश भुगतता है। हम सभी संकल्प लें कि नशे के खिलाफ अभियान को सफल बनाएंगे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा श्रम एवं नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अजय कुमार सिंह समेत अधिकारियों, कर्मियों और युवाओं ने नशे से दूर रहने और अभियान को सफल बनाने की शपथ ली।
इस जागरूकता अभियान के दौरान प्रतिदिन राज्य के सभी जिलों, प्रखंडों, पंचायतों, स्कूल- कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। युवा समूह, स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल के सदस्यों की भागीदारी से अभियान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। झुग्गी-झोपड़ियों, रेड लाइट एरिया, हाट-बाजार, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और पार्कों में नुक्कड़ नाटक मंचित किए जाएंगे। हर स्थान पर समाज के प्रबुद्ध और प्रभावशाली लोगों के साथ बैठक आयोजित होगी। 26 जून को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में 'रन फॉर ड्रग फ्री झारखंड' थीम के तहत मैराथन के साथ अभियान का समापन होगा।
जागरूकता अभियान के अलावा नशा मुक्ति के कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी सुनिश्चित करेंगी कि नियमों-कानूनों का हर स्तर पर अनुपालन हो। हर जिले में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है। स्कूलों-कॉलेजों के 100 गज के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री और नशा पान पर पाबंदी लगाई गई है। नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग को रिहैबिलिटेशन और काउंसलिंग सेंटर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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