नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के इक्विटी म्यूचुअल फंड में अक्टूबर में 19,957 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो सितंबर में 14,091 करोड़ रुपये था और साल 2023 में इक्विटी फंड में तीसरा सबसे बड़ा मासिक प्रवाह देखा गया। यह बात एचडीएफसी (NS:HDFC) सिक्योरिटीज खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कही। कई फंडों द्वारा एकमुश्त निवेश और नए एसआईपी पर प्रतिबंध को दरकिनार करते हुए लघु और मध्य-कैप श्रेणियों ने लगभग 7,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में म्यूचुअल फंड उद्योग में एसआईपी का योगदान 16,928 करोड़ रुपये रहा, जो सितंबर में 16,420.06 करोड़ रुपये था।
अक्टूबर के महीने में इक्विटी बाजारों में जोखिम-मुक्त भावना का अनुभव जारी रहा, सूचकांक 19,000 के स्तर से नीचे गिर गया। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि इस गिरावट के बावजूद इक्विटी म्यूचुअल फंडों ने लचीलापन प्रदर्शित करना जारी रखा और सितंबर में 14,091 करोड़ रुपये के मुकाबले 19,957 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण शुद्ध प्रवाह दर्ज किया।
स्मॉल कैप में 4,495 करोड़ रुपये का बड़ा प्रवाह देखा गया, इसके बाद 3,895 करोड़ रुपये का विषयगत/क्षेत्रीय फंड आया। आर्बिट्राज फंडों और मल्टी-एसेट फंडों के नेतृत्व में हाइब्रिड फंडों में स्वस्थ शुद्ध प्रवाह का अनुभव जारी रहा। उन्होंने कहा, यह प्रवृत्ति बाजार में प्रचलित जोखिम-मुक्त भावना को दर्शाती है, निवेशक पूंजी सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने निवेश में विविधता लाना चाहते हैं।
घरेलू प्रवाह संरचनात्मक साबित होना जारी है। दिलचस्प बात यह है कि एसआईपी अब प्रवाह का एक बड़ा हिस्सा (बनाम एकमुश्त निवेश) के लिए जिम्मेदार हैं और अधिक संरचनात्मक हैं। उन्होंने कहा कि इससे बाजार को काफी मजबूती मिलती है।
--आईएएनएस
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