नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रेलवे के कुप्रबंधन, मनमाने किराये, दुर्घटनाएं बढ़ने, गाडि़यों के देरी से चलने, रद्द होने और छठ त्योहार के दौरान स्टेशनों पर भीड़भाड़, कई स्टेशनों पर भगदड़ को लेकर शनिवार को भाजपा सरकार पर हमला बोला।उन्होंने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया कि वे रेल को अमीरों की सवारी न बनाएं, बल्कि आम लोगों को सम्मान, विश्वास और सुरक्षा के साथ ट्रेन में बिठाएं।
अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक पोस्ट में प्रियंका गांधी ने कहा : “पैसे और प्रचार के लालच में सरकार ने रेलवे को बर्बाद कर दिया है। मनमाना किराया, एक के बाद एक ट्रेन दुर्घटनाएं, देरी से चलना-पहुंचना, रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ और घोर कुप्रबंधन। इस सबके साथ रेलवे में पूरी तरह लापरवाही, कुप्रबंधन और अराजकता दिख रही है, जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि चूंकि इस समय त्योहारों का समय चल रहा है, अभी दिवाली गुजरी है और छठ पूजा चल रही है, इसलिए दूर के शहरों में काम करने वाले कई लोग अपने घर वापस जाने के लिए यात्रा कर रहे हैं, लेकिन रेलवे उन्हें जान-माल सुरक्षित रहने का भरोसा तक नहीं दे पा रहा है।
उन्होंने कहा, “मनमाना किराया वसूला जा रहा है और विशेष ट्रेनों के नाम पर यात्रियों को लूटा जा रहा है। हालत यह है कि लोग खिड़कियों से ट्रेन में घुस रहे हैं और यात्री सामान की तरह डिब्बों में ठूंसे जा रहे हैं। यात्रा करने वाले नागरिक के आत्मसम्मान को धूल में मिलाया जा रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है?”
उन्होंने कहा कि सरकार ने चयनित स्टेशनों की इमारतों को नया स्वरूप देने के लिए भारी धन खर्च किया है, जबकि कुछ नई ट्रेनों का प्रचार इस तरह किया जा रहा है जैसे कि भारतीय रेलवे किसी जादू से बदल गई हो।
प्रियंका गांधी ने कहा, “देश के इतिहास में खोखले प्रचार का ऐसा रोना दुर्लभ है। यह भारत की नहीं, बल्कि लालच और पैसे की पूजा है, जिसके शोर में रेल यात्रा के दौरान लाखों भारतीय नागरिकों की दुर्दशा, चीख-पुकार दबकर रह जाती है। सरकार ये सब देखना-सुनना नहीं चाहती, मीडिया दिखाना-बताना नहीं चाहता। अजब हाल है। कुछ चुनिंदा तस्वीरें और वीडियो दिखाकर फर्जी कहानी बनाई जा रही है और इसे 'अमृतकाल' करार दिया जा रहा है।“
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''रेलमंत्री महोदय, आप 'अमृतकाल' की पूजा करें। लेकिन ज्यादा कमाई के लालच में रेल को अमीरों की सवारी न बनाएं। यह मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए लंबी दूरी का एकमात्र साधन है। इसलिए किसानों, कामगारों, श्रमिकों, महिलाओं, बच्चों और देश के विशाल मध्यम वर्ग को पूरे सम्मान, विश्वास और सुरक्षा के साथ ट्रेन में बिठाएं। भारतीय रेल आम जनता का खजाना है। यही असली 'भारत वंदना' है।''
उनकी टिप्पणी छठ पूजा त्योहार के दौरान कई रेलवे स्टेशनों पर भगदड़, कई एक्सप्रेस ट्रेनों में भारी भीड़ और आग लगने की खबरों के बीच आई है।
हाल यह है कि कई लोगों को आरक्षित टिकट नहीं मिल पाता है तो कई लोग ट्रेन के फर्श पर बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं। ऐसे में रेलवे ने कहा है कि वह भारी भीड़ से निपटने के लिए 1,700 विशेष ट्रेनें चला रहा है और अतिरिक्त 26 लाख बर्थ बनाई हैं।
--आईएएनएस
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