गाजियाबाद, 29 नवंबर (आईएएनएस)। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने एक पूर्व एसओ और एसआई को सस्पेंड किया है। उन पर आरोप है कि धर्मांतरण मामले में उन्होंने मामला धर्मांतरण का नहीं, बल्कि फ्रॉड का दर्ज किया था। इस मामले में आरोपी मौलवी को जब दोबारा एक दूसरे थाने में गिरफ्तार किया गया तो मामले की पोल खुल गई। जांच उच्च अधिकारियों तक गई और मामला सस्पेंशन तक पहुंच गया।
गाजियाबाद में मधुबन बापूधाम थाने के पूर्व एसओ नीरज तोमर और सब इंस्पेक्टर कुशल कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने धर्मांतरण की शिकायत को फ्रॉड की धाराओं में दर्ज किया। जब दूसरे थाने की पुलिस ने मौलवी को गिरफ्तार कर धर्मांतरण का पर्दाफाश किया, तब पुलिस की मिलीभगत की पोल खुली।
इस मामले में दोनों पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच भी आरंभ कर दी गई है। दरअसल, 24 नवंबर 2023 को थाना नंदग्राम पुलिस ने मौलवी सरफराज को गिरफ्तार किया था। मौलवी के खिलाफ एक दिन पहले ही महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी।
महिला का आरोप है कि बीमारी से मुक्ति दिलाने के नाम पर मौलवी ने उन पर धर्मांतरण का दबाव डाला। घर से हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटवा दिया।
इसके बाद मौलवी ने महिला और उनके बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया। नंदग्राम थाना पुलिस की कार्रवाई से पहले इस महिला ने एक नवंबर 2022 को थाना मधुबन बापूधाम में ठीक यही शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने यहां खेल कर दिया और मुकदमे को सिर्फ धोखाधड़ी व तंत्र-मंत्र करने की धाराओं में दर्ज किया।
पांच दिन की जांच के बाद पुलिस ने मौलवी से धोखाधड़ी की धाराएं भी हटा दी। पीड़ित महिला के बेटों ने इसकी शिकायत पुलिस के आला अफसरों से की। उन्होंने इसकी जांच एसीपी कविनगर से कराई, जिसमें आरोप सही साबित हुए। इसके बाद अब मधुबन बापूधाम के तत्कालीन एसओ नीरज तोमर और तत्कालीन आईओ दरोगा कुशल कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है।
नीरज तोमर फिलहाल गाजियाबाद पुलिस की रिट सेल (NS:SAIL) के प्रभारी हैं और कुशल कुमार मधुबन बापूधाम थाने में ही तैनात हैं।
--आईएएनएस
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