गाजियाबाद, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। साइबर अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग तरीकों से साइबर अपराधी लोगों को ठगने का काम करते हैं। ठगी होने के बाद लोग सीधे साइबर सेल (NS:SAIL) पहुंचते हैं और अपनी एफआईआर दर्ज कराते हैं। पुलिस के पास भी बड़ा चैलेंज होता है कि ऐसे साइबर अपराधियों से लोगों की मेहनत की कमाई को वापस लौटाना।पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने 13 महीने में 136 मामले में पीड़ितों को लगभग 3 करोड़ रुपये वापस करवाए हैं। अभी भी हजारों मामले साइबर सेल में पेंडिंग हैं। जिन पर साइबर सेल कार्रवाई कर रही है। पुलिस का प्रयास है कि जल्द से जल्द और मामले को सुलझाया जाए और लोगों को उनके मेहनत की कमाई वापस दिलवाई जाए।
साइबर सेल से मिले आंकड़ों के मुताबिक 13 महीने में 136 पीड़ित व्यक्तियों से फ्रॉड हुए 2 करोड़ 75 लाख 45 हजार 387 रुपए वापस करवाए गए हैं। गाजियाबाद के डीसीपी क्राइम सचिदानंद ने बताया है कि गाजियाबाद में जब से पुलिस कमिश्नरेट बना है तब से लेकर अब तक करीब 60 हजार मामले साइबर क्राइम के दर्ज हैं। जिनमें से पुलिस अभी तक 136 मामलों के पीड़ितों को उनके पैसे वापस दिलवा पाई है।
उन्होंने बताया है कि साइबर अपराध होते ही 24 से 72 घंटे के अंदर 1930 नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करानी होती है। ऑनलाइन भी साइबर क्राइम की वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। साइबर सेल सबसे पहले ऐसे ही मामलों को इन्वेस्टिगेट करना शुरू करता है। जैसे ही पीड़ित के पैसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करवाए जाते हैं साइबर सेल उस अकाउंट को होल्ड करवा देता है और फिर बैंक से बात करके पीड़ित के पैसे वापस करवाए जाते हैं। साइबर अपराध होने के बाद अगर जल्द ही पीड़ित थाने पहुंचकर या साइबर सेल पहुंचकर अपनी एफआईआर दर्ज नहीं करवाता है तो उसके पैसे लौटाने में काफी दिक्कत होती है।
उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में भी कई थाना क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर सबसे ज्यादा साइबर अपराध होता है, जिसमें इंदिरापुरम एक है। उनके मुताबिक आने वाले समय में पुलिस कमिश्नरेट लोगों के लिए एक जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है जो हर थाना क्षेत्र में चलाया जाएगा। इनमें वह थाने भी चिन्हित किए गए हैं जिनमें सबसे ज्यादा साइबर अपराध होता है।
--आईएएनएस
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