मुंबई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। आरबीआई ने मंगलवार को कहा कि व्यापारिक व्यापार घाटा कम होने और सेवा निर्यात में वृद्धि के कारण चालू वित्तवर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा कम हुआ है।2023-24 की दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा (सीएडी) 8.3 अरब डॉलर या जीडीपी का 1 प्रतिशत था, जबकि पिछली तिमाही में यह 9.2 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.1 प्रतिशत था।
एक साल पहले इसी तिमाही में सीएडी 30.9 अरब डॉलर या जीडीपी का 3.8 फीसदी था।
तिमाही में व्यापारिक व्यापार घाटा कम होकर 61 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले की तिमाही में 78.3 अरब डॉलर था। तिमाही के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण देश के तेल आयात बिल में गिरावट ने व्यापार घाटे में गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आरबीआई ने कहा, "सॉफ्टवेयर, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ते निर्यात के कारण साल-दर-साल आधार पर सेवा निर्यात में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। शुद्ध सेवा प्राप्तियां क्रमिक और साल-दर-साल दोनों आधार पर बढ़ीं।".
निजी हस्तांतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषण का प्रतिनिधित्व करती हैं, 28.1 अरब डॉलर की थीं, जो एक साल पहले इसी अवधि के दौरान उनके स्तर से 2.6 प्रतिशत अधिक थी।
चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान एनआरआई जमा में 3.2 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में 2.5 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह हुआ था।
2023-24 की दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी के आधार पर) 2.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में 30.4 अरब डॉलर की कमी हुई थी।
--आईएएनएस
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