बेंगलुरु, 4 जनवरी (आईएएनएस)। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने गृहमंत्री जी. परमेश्वर के बयान आलोचना की है। उन्होंने कहा था कि उनके विभाग के पास कांग्रेस एमएलसी बी.के. हरिप्रसाद की उस टिप्पणी के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि राज्य में 'गोधरा जैसी घटना' दोहराई जा सकती है। पूर्व सीएम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''कारसेवकों पर हरिप्रसाद के बयान पर परमेश्वर की प्रतिक्रिया ने खुफिया विभाग की पूर्ण विफलता का संकेत दिया।''
वह जानकारी एमएलसी को तो पता थी, लेकिन खुफिया विभाग को नहीं। परमेश्वर ने कहा था कि वह एमएलसी को बुलाकर बात करेंगे। अगर दूसरों ने ऐसे भड़काऊ बयान दिए होते तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर राज्य में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया है।
दरअसल, मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अपराध दर में बढ़ोतरी हुई है। बोम्मई ने आरोप लगाया कि सभी प्रकार की अवैध गतिविधियां बेरोकटोक चल रही हैं।
गृहमंत्री डॉ. परमेश्वर को उचित कदम उठाना चाहिए। सीएम ने ऐसे बयानों पर जवाब देने से इनकार कर दिया है। यह जानने के लिए एमएलसी से पूछताछ की जानी चाहिए कि उन्होंने किस आधार पर ऐसा बयान दिया। उन्होंने मांग की, किसी को भी भ्रम पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
पूर्व सीएम ने कहा कि कारसेवक श्रीकांत पुजारी के खिलाफ मामले अदालत में लंबित हैं। लेकिन 32 साल पहले हुई घटना के लिए उन्हें गिरफ्तार करने की क्या जरूरत थी। पुलिस ने केवल रामसेवक को ही क्यों निशाना बनाया?
उन्होंने कहा कि सीएम आरोपियों के मुद्दे पर अपने बेबुनियाद बयान के लिए जाने जाते थे। सिद्दारमैया को हरिप्रसाद पर भरोसा नहीं है, लेकिन उन्हें आधारहीन तर्क देने की आदत है।
भाजपा नेता ने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों सहित किसी ने भी अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का विरोध नहीं किया है। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इस पर राजनीति की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले ही मंदिर का उद्घाटन नहीं कर रहे हैं, बल्कि ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण से जुड़े सभी लोगों को आमंत्रित किया है।
गुजरात में सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गैर-भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर बोम्मई ने कहा कि सोमनाथ मंदिर एक भव्य मंदिर रहा है। लेकिन नेहरू ने उद्घाटन नहीं किया, हालांकि यह तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा किया गया था। मौजूदा पीएम रामभक्त हैं, इसी वजह से वह 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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