नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय पीयूष गोयल ने शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से लिफ्ट, एयर फिल्टर या चिकित्सा वस्तुओं के मामले में जहां भी संभव हो देश के मानकों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का आग्रह किया।मंत्री ने बीआईएस के 77वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "हितधारकों के साथ विचार-विमर्श में वृद्धि और उद्योग प्रतिनिधियों को शामिल करके इसे हासिल किया जा सकता है।"
बीआईएस और उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने संयुक्त रूप से स्थापना दिवस के अवसर पर 'भारत में गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए संवाद' का आयोजन किया।
मंत्री ने कहा कि बीआईएस और उद्योग द्वारा परीक्षण की सुविधा के लिए आधुनिक प्रयोगशालाओं का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया गया है। बीआईएस ने हाल ही में कपास परीक्षण के लिए 21 प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए 40 करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति व्यक्त की है।
उन्होंने उद्योग जगत से उन क्षेत्रों के साथ आगे आने का आह्वान किया जिनके लिए परीक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बीआईएस के पास पर्याप्त धन है। उन्होंने संगठन से बेहतर वितरण के लिए एक पारदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र और उच्च निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।
गोयल ने आभूषणों की हॉलमार्किंग में बीआईएस के प्रयासों की सराहना की और बताया कि अनिवार्य हॉलमार्किंग में 343 जिले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन 4.3 लाख से अधिक आभूषण हॉलमार्क किये जाते हैं और लोग जो आभूषण खरीद रहे हैं उनमें से 90 प्रतिशत हॉलमार्क वाले हैं।
मंत्री ने कहा कि 2014 तक 106 उत्पादों के केवल 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) थे लेकिन अब 672 उत्पादों के 156 क्यूसीओ हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि 2015 की तुलना में 2023 में खिलौनों के आयात में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि क्यूसीओ ने गुणवत्ता को सबसे ऊपर रखा है।
उन्होंने कहा, "क्यूसीओ को लगभग 2,500 से अधिक वस्तुओं में संसाधित किया जा रहा है जो उच्च मानक सामान और सेवाएं प्रदान करके गुणवत्ता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
उन्होंने कहा कि नौ साल पहले, पीएम मोदी ने जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट का विजन दिया था जिसका मतलब है कि भारत को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने चाहिए जो टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल हों और जिनका जलवायु पर कोई प्रभाव न हो।
उन्होंने पीएम मोदी के हवाले से कहा, “दशकों से, भारत गुणवत्ता के लिए विदेशी मानकों पर निर्भर रहा है। अब देश की गति और प्रगति हमारे अपने मानकों से तय होगी।”
गोयल ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता पर समझौता नहीं किया जा सकता है और बीआईएस द्वारा उत्पन्न जागरूकता के साथ, इसके लाभों को उपभोक्ताओं, उद्योग, निर्यातकों और आयातकों द्वारा समझा जाता है।
उन्होंने युवा पीढ़ी से गुणवत्ता और विकसित भारत के युवा राजदूत बनने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि युवा ई-लर्निंग को बढ़ावा दे सकते हैं और कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में परख पहल को उन्नत कर सकते हैं।
मानकीकरण से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्योग पेशेवर, उपभोक्ता समूह, शिक्षाविद, विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि, संघ, अग्रणी निर्माता, व्यापारी, विशेष आमंत्रित सदस्य और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और डीपीआईआईटी के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र हुए।
--आईएएनएस
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