नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके. विजयकुमार ने कहा कि इस वर्ष जनवरी में एफपीआई प्रवाह की एक महत्वपूर्ण विशेषता इक्विटी और ऋण प्रवाह में भिन्न रुझान था। जबकि, इक्विटी में 25,734 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री देखी गई, डेट में 19,836 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी देखी गई। इन आंकड़ों में नकदी बाजार, प्राथमिक बाजार और अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा, इस प्रवृत्ति के तीन कारण हैं, जनवरी में अमेरिकी बांड मुनाफा दिसंबर 2023 में लगभग 3.88 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 4.16 प्रतिशत हो गया। इसने इक्विटी से उच्च उपज वाले अमेरिकी बांडों की ओर बहिर्वाह को प्रेरित किया।
दूसरा, भारतीय इक्विटी दुनिया में सबसे महंगी हो गई (वित्त वर्ष 2024 की अनुमानित कमाई के आधार पर निफ्टी लगभग 21 के पीई पर कारोबार कर रहा है)। इससे भारत में इक्विटी बिकवाली शुरू हो गई।
उन्होंने कहा कि तीसरा कुछ एफपीआई जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड फंड में भारत के शामिल होने के बाद भारतीय बॉन्ड बाजार में प्रवाह की उम्मीद करते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया, ''आगे चलकर इक्विटी बाजार में एफपीआई का प्रवाह अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के रुझान और वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत में इक्विटी बाजार के रुझान पर निर्भर करेगा। अमेरिकी बांड मुनाफे में फिर से तेजी से गिरावट आई है, इसलिए एफपीआई द्वारा फरवरी में बड़ी मात्रा में बेचने की संभावना नहीं है। वे खरीदार भी बन सकते हैं। ऋण बाजार में निवेश जारी रहने की संभावना है।''
--आईएएनएस
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