नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की 'केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं' वाली टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजद नेता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इस दलील पर ध्यान दिया कि यादव ने बिना शर्त अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए एक "विशिष्ट" हलफनामा दायर किया है।
शिकायतकर्ता हरेश मेहता की ओर से पेश वकील ने कहा, "आपका आधिपत्य विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों में पार्टियों के बीच सहमति के बिना कार्यवाही को रद्द कर सकता है।"
पीठ ने कहा,“ आदेश सुरक्षित है, हम एक विस्तृत आदेश पारित करेंगे।”
पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि वह संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए अहमदाबाद में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष यादव के खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि के मुकदमे को रद्द कर देगी।
शिकायत तेजस्वी यादव की पिछले साल मार्च में पटना में की गई कथित टिप्पणी से जुड़ी है। आरोप है कि यादव ने कहा कि 'आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें इसके लिए माफ भी किया जाएगा।'
अपनी शिकायत में, सामाजिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी व अपराध निवारक परिषद नामक संगठन के उपाध्यक्ष मेहता ने आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां गुजरातियों को सार्वजनिक रूप से बदनाम और अपमानित करती हैं।
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