सासाराम, 11 मार्च (आईएएनएस)। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सोमवार को कहा कि वैदिक ऋचाओं में शिक्षिकाओं के लिए ‘आचार्या’ शब्द के उल्लेख से स्पष्ट है कि प्राचीन काल में स्त्री शिक्षा की स्थिति अच्छी थी। मध्य काल में इसमें गिरावट आई, लेकिन अब इसे बेहतर करने का दायित्व हमारा है। राज्यपाल ने सोमवार को बिहार के गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, जमुहार, सासाराम में ‘बहुआयामी अनुसंधान में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन काल में भारत शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।
उन्होंने कहा कि विश्व के अत्यन्त समृद्ध नालंदा विश्वविद्यालय एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय बिहार में ही थे, यह गौरव की बात है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अच्छे व्यक्ति तैयार करना है क्योंकि एक बढ़िया इंसान हमेशा अच्छा और समाजपयोगी कार्य करता है, चाहे वह किसी भी पेशे से संबंध रखता हो।
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