उज्जैन/इंदौर 25 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान गुलाल उड़ाए जाने से आग लग गई, जिस वजह से पुजारी सहित 13 लोग झुलस गए। जिलाधिकारी नीरज सिंह ने इस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव घायलों का हाल जानने इंदौर और फिर उज्जैन पहुॅचे। साथ ही एक-एक लाख की आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया है। बताया गया है कि भस्म आरती के बाद गर्भगृह में मौजूद पुजारी द्वारा आरती की जा रही थी। इसी दौरान होली के अवसर पर अबीर और गुलाल उड़ाया गया, जिससे आरती की थाली में जलती ज्योति में गुलाल गिरने से आग भड़क उठी। साथ ही, चांदी के हिस्से को जिन कपड़ों से ढका गया था, उनमें भी आग लगी और गर्भगृह में मौजूद कई पुजारी सहित 13 लोग झुलस गए। सभी को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इस हादसे में आठ लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए इंदौर भेजा गया है।
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया है कि भस्म आरती के बाद गुलाल उड़ाया जा रहा था। इस दौरान आग भड़क उठी और वहां मौजूद पुजारी सहित अन्य लोग झुलस गए सभी को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इस हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव भोपाल से इंदौर के अस्पताल पहुॅचे और घायलों का हाल जानने के साथ चिकित्सकों कोे बेहतर उपचार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है, श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भस्म आरती के दौरान हुई दुर्घटना में घायलों के बेहतर उपचार की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं, साथ ही घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। बाबा महाकाल की कृपा से किसी प्रकार की बडी हानि नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना दोबारा न हो, इसके लिए उचित प्रबंध किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री इंदौर के बाद जिला अस्पताल, उज्जैन पहुंचे और घायलों का कुशलक्षेम जाना। साथ ही बाबा महाकाल से सभी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह नए इस हादसे में 13 लोगों के झुलसने की बात स्वीकारी है, साथ ही मजिस्ट्रियल जांच ’के आदेश दिए हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत मृणाल मीणा और अपर कलेक्टर अनुकूल जैन द्वारा संपूर्ण घटना की जांच की जाएगी। कलेक्टर सिंह ने तीन दिन में जांच समिति को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जो गुलाल उड़ाई जा रही थी। उसमें कपूर होने की संभावना है और उसी के चलते यह आग भड़की है। मंदिर परिसर में उस समय बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, मगर स्थितियों को जल्दी ही संभाल लिया गया और आग पर काबू पा लिया गया।
बता दें कि रविवार को बाबा महाकाल के दरबार में सुबह फूलों की होली खेली गई थी और शाम को होलिका दहन किया गया था। सोमवार की सुबह भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल के साथ अबीर गुलाल से होली खेली जा रही थी, उसी दौरान यह हादसा हो गया।
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