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दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्‍नीर ग्रोवर को भारतपे शेयरों में थर्ड पार्टी राइट बनाने से रोक दिया

प्रकाशित 01/05/2024, 12:28 am
© Reuters.  दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्‍नीर ग्रोवर को भारतपे शेयरों में थर्ड पार्टी राइट बनाने से रोक दिया

नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को भारतपे के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्‍नीर ग्रोवर के खिलाफ एक निरोधक आदेश जारी किया, जिससे फिनटेक कंपनी के सह-संस्थापक, भाविक कोलाडिया द्वारा उन्हें हस्तांतरित 16,110 शेयरों में किसी भी तीसरे पक्ष के हित या अधिकार बनाने से रोक दिया गया।यह आदेश न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने ग्रोवर के खिलाफ चल रहे मुकदमे के तहत कोलाडिया द्वारा दायर एक अंतरिम आवेदन के जवाब में जारी किया था।

अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रोवर को कानूनी कार्यवाही के समापन तक शेयरों से संबंधित कोई भी तीसरे पक्ष की व्यवस्था करने से बचना चाहिए।

ग्रोवर 2017 में सह-संस्थापक कोलाडिया और शाश्‍वत नाकरानी के भारतपे में शामिल हुए, 2018 में तीसरे सह-संस्थापक के रूप में उन्‍होंने पिछले साल सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह इन शेयरों में किसी तीसरे पक्ष को शामिल नहीं करेंगे।

यह घटनाक्रम इस साल की शुरुआत में नकरानी द्वारा दायर एक मुकदमे की त्वरित सुनवाई के लिए एक डिवीजन बेंच के आदेश का पालन करता है, जिसमें ग्रोवर को उनसे खरीदे गए "अवैतनिक शेयरों" में किसी तीसरे पक्ष के अधिकार को अलग करने, स्थानांतरित करने या बनाने से रोकने की मांग की गई थी।

इससे पहले, एकल न्यायाधीश पीठ ने मुकदमे में अंतरिम आवेदन को खारिज करते हुए ग्रोवर को अवैतनिक शेयरों में तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से रोकने के नाकरानी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।

इस साल मार्च में उच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी कर ग्रोवर को फिनटेक कंपनी, उसके पदाधिकारियों या अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक और अपमानजनक बयान देने से रोक दिया था। पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने ग्रोवर पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने ग्रोवर को 48 घंटे के भीतर अपने ट्वीट हटाने का निर्देश दिया था, जिसमें एसबीआई (NS:SBI) चेयरपर्सन को तुच्छ कहने वाला ट्वीट भी शामिल था।

अदालत ने इकोनॉमिक टाइम्स को ग्रोवर द्वारा आरबीआई अध्यक्ष को लिखे गए पत्रों के आधार पर एक लेख हटाने का भी आदेश दिया था।

फंड के दुरुपयोग के आरोप में ग्रोवर और उनकी पत्‍नी को 2022 में कंपनी से बर्खास्त किए जाने के कुछ महीनों बाद भारतपे ने हाईकोर्ट का रुख किया था। अपने मुकदमे में भारतपे ने कथित धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग के लिए ग्रोवर, उनकी पत्‍नी और उनके भाई से 88.67 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है।

--आईएएनएस

एसजीके/

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