गांधीनगर, 13 मई (आईएएनएस)। रक्षा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गांधीनगर (आईआईटी-जीएन) ने उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में सहयोग के लिए सोमवार को अदाणी समूह की सहायक कंपनी अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के साथ हाथ मिलाया। सहयोग के रूप में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, प्रोटोटाइप विकास, छात्र परियोजनाएं और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) और बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) जैसी प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में संयुक्त कार्यशालाएं होंगी।
आईआईटी-जीएन के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के डीन अमित प्रशांत और अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने आईआईटी-जीएन परिसर में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
राजवंशी ने कहा, “आईआईटी-जीएन के साथ हमारा सहयोग रक्षा क्षेत्र के तकनीकी विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हमारे उद्योग कौशल को आईआईटी-जीएन की अकादमिक क्षमता के साथ जोड़कर, हमारा लक्ष्य रक्षा के लिए परिष्कृत, नया समाधान विकसित करना है।"
उन्होंने कहा, "हमारे संयुक्त प्रयास राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति हमारे समर्पण को रेखांकित करते हैं और रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।"
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और आईआईटी-जीएन के बीच साझेदारी तकनीकी नवाचार और शैक्षणिक-उद्योग सहयोग के जरिए भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
आईआईटी-जीएन के निदेशक रजत मूना ने कहा, "रक्षा उद्योग में अग्रणी अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के साथ हमारा गठबंधन रक्षा के लिए संभावित प्रौद्योगिकियों के दोहन के हमारे साझा दृष्टिकोण का एक प्रमाण है।"
उन्होंने कहा, "यह सहयोग हमारे संकाय और छात्रों को रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने और उनके उद्योग क्षितिज को व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करता है।"
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण में अग्रणी है।
इसने निर्यात-उन्मुख मानसिकता, सर्वोत्तम श्रेणी की प्रक्रियाओं और गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों के साथ एक जीवंत रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद करने के लिए स्टार्टअप और एमएसएमई के लिए एक मजबूत मंच स्थापित किया है।
--आईएएनएस
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