संगरूर, 15 मई (आईएएनएस)। पंजाब सरकार की ओर से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने का दावा जरूर किया जाता है। हालांकि, हकीकत कुछ और ही है। कई ऐसे सरकारी अस्पताल हैं, जो भगवान भरोसे चल रहे हैं।सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही की कई कहानियां हैं। ताजा मामला संगरूर जिले के सरकारी अस्पताल से सामने आया है, जहां एक युवक पीलिया का इलाज कराने के लिए भर्ती हुआ था, लेकिन जांच के बाद पता चला कि उसे पीलिया है ही नहीं और उसकी दोनों किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं।
इसके बाद युवक ने अपने सैंपल की जांच दूसरी प्रयोगशाला से कराई। इस दौरान उसकी दोनों किडनी सामान्य पाई गई और पीलिया होने के बात सामने आई।
युवक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरी जिंदगी से खिलवाड़ किया है। अगर मैं समय पर अपनी रिपोर्ट अपने दोस्त को नहीं दिखाता तो सरकारी अस्पताल के डॉक्टर किडनी फेल होने का इलाज करने लगते और मेरी जान जा सकती थी।"
मीडिया ने इस संबंध में जब सिविल अस्पताल के डॉक्टरों से बात करनी चाही तो डॉक्टरों ने बात करने से इनकार कर दिया।
--आईएएनएस
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