नई दिल्ली, जून 30 (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 2024-25 की जून तिमाही भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी शानदार रही। इस अवधि में भारतीय शेयर बाजार के पूंजीकरण में 13.8 प्रतिशत (डॉलर में) की वृद्धि हुई है, जो कि दुनिया के शीर्ष 10 बाजारों में सबसे अधिक थी।मौजूदा समय में भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का है और यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार है।
अप्रैल से जून के बीच दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार अमेरिका के बाजार मूल्यांकन में 2.75 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह करीब 56 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शेयर बाजार चीन के मूल्यांकन में अप्रैल से जून के बीच 5.59 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इसके साथ ही चीनी शेयर बाजार का पूंजीकरण कम होकर 8.6 ट्रिलियन डॉलर रह गया है।
भारत के बाद अप्रैल से जून के बीच ताइवान और हांगकांग के बाजार में क्रमश: 11 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत की बढ़त हुई है। ताइवान और हांगकांग के बाजार का मूल्यांकन बढ़कर क्रमश: 2.49 ट्रिलियन और 5.15 ट्रिलियन हो गया है।
वहीं, यूनाइटेड किंगडम के शेयर बाजार का मूल्यांकन 3.3 प्रतिशत बढ़कर 3.2 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
शीर्ष 10 बाजारों में सऊदी अरब के शेयर बाजार के मूल्यांकन में सबसे अधिक 8.7 प्रतिशत की गिरावट हुई है और यह 2.67 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। इसके बाद फ्रांस के शेयर बाजार का मूल्यांकन 7.63 प्रतिशत गिरकर 3.18 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। वहीं, जापान के शेयर बाजार का मूल्यांकन 6.24 प्रतिशत गिरकर 6.31 ट्रिलियन डॉलर रह गया है।
भारतीय शेयर बाजार में 2023 से ही तेजी देखी जा रही है। पिछले वर्ष भारत के शेयर बाजार के मूल्यांकन में 25 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ था। जून में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने करीब 7 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
भारतीय शेयर बाजार में तेजी की वजह अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन करना है, जिसके कारण घरेलू और विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में भारत में निवेश कर रहे हैं।
--आईएएनएस
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