नयी दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। बीएसई के अधिकतर समूहों में रही तेजी के बावजूद मुनाफावसूली के दबाव में घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को लाल निशान में बंद हुये।बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.7 प्रतिशत यानी 435 अंक की गिरावट में 60,177 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.5 प्रतिशत यानी 96 अंक की गिरावट में 17,957 अंक पर बंद हुआ।
बाजार पर मुनाफावसूली के अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी तेजी का भी दबाव रहा। आपूर्ति संकट गहराने से कच्चे तेल के दाम मंगलवार को चढ़ गये, जिससे घरेलू बाजार में वित्त क्षेत्र की कंपनियों को बिकवाली झेलनी पड़ी। भारत कच्चे तेल का तीसरा बड़ा आयातक है और ऐसे में इसके दाम का बाजार पर सीधा प्रभाव दिखता है।
एचडीएफसी (NS:HDFC) लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक (NS:HDBK) के विलय की घोषणा से दोनों कंपनियों के शेयरों में तूफानी तेजी दर्ज की गयी लेकिन बाद के कारोबार में मुनाफावसूली हावी हो गयी, जिससे सेंसेक्स में सबसे अधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक को ही उठाना पड़ा।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 13 कंपनियां तेजी में और 17 गिरावट में रहीं। एनटीपीसी में 3.40 प्रतिशत की सर्वाधिक तेजी रही। एचडीएफसी बैंक के अलावा, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी लिमिटेड, कोटक महिंद्रा (NS:KTKM) बैंक और रिलायंस (NS:RELI) के शेयरों के दाम भी टूट गये।
बीएसई के 20 समूहों में से चार समूहों बैंकिंग, वित्त, रिएल्टी और टेक के सूचकांक में गिरावट रही जबकि बिजली, सीडी, एफएमसीजी, पीएसयू और इंडस्ट्रियल सहित 16 समूहों के सूचकांक बढ़त में बंद हुये।
बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तुलना में मंझोली और छोटी कंपनियों पर निवेशकों की मेहरबानी रही। बीएसई का मिडकैप 1.28 प्रतिशत की तेजी में 25,072.44 अंक पर और स्मॉलकैप 1.37 प्रतिशत की बढ़त में 29,582.49 अंक पर बंद हुआ।
निफ्टी में 50 में से 25 कंपनियां तेजी में और 24 गिरावट में रहीं जबकि एक कंपनी के शेयर अपरिवर्तित बंद हुये।
रेलीगेयर ब्रोकिंग के शोध उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार में मुनाफावसूली का दबाव रहा है। निवेशकों की नजरें अभी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के बैठक के नतीजों पर रहेगी।
--आईएएनएस
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