रांची, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड के देवघर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इस महीने के अंत तक उड़ान सेवाएं शुरू हो जायेंगी। डीजीसीए (डायरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने देवघर एयरपोर्ट को इसके लिए लाइसेंस जारी कर दिया है। यह लाइसेंस 11 अप्रैल को जारी किया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एयरपोर्ट पर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा ने मीडिया को बताया कि आधा दर्जन एयरलाइंस कंपनियों ने इस एयरपोर्ट से फ्लाइट सर्विस शुरू करने पर सहमति जतायी है। फ्लाइट की फ्रिक्वेंसी और स्लॉट तय करने के बाद सेवाएं शुरू कर दी जायेंगी। शुरू में डोमेस्टिक उड़ानें शुरू की जायेंगी। इंटरनेशनल उड़ानें दूसरे चरण में शुरू की जायेंगी।
बता दें कि यह झारखंड का पहला इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। पूरे राज्य में फिलहाल मात्र रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से नियमित उड़ान सेवाएं संचालित हो रही हैं। यहां से सिर्फ डोमेस्टिक फ्लाइट की ही सेवाएं उपलब्ध हैं। देवघर इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने से विदेशों के लिए भी सीधी उड़ान सेवाएं शुरू की जा सकेंगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में डोमेस्टिक उड़ानों को मंजूरी दी रही है। जिन एयरलाइंस कंपनियों ने सेवा देने पर सहमति जतायी है, उनमें स्पाइस जेट और इंडिगो प्रमुख हैं। इनके अलावा एयर एशिया, गो एयर एवं अन्य कंपनियां भी शीघ्र ही यहां से उड़ानें शुरू कर सकती हैं। विमान कंपनियों की अलग-अलग टीमों ने हाल में एयरपोर्ट का निरीक्षण भी किया है।
इस एयरपोर्ट का निर्माण लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसमें 50 फीसदी अंशदान डीआरडीओ का है। जाहिर है, यह हवाई अड्डा सामरिक नजरिए से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस एयरपोर्ट का ऑनलाइन शिलान्यास 25 मई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। एयरपोर्ट की इमारत पर यहां के विश्वप्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनायी गयी है। इस पर ब्रास से पंचशूल बनाया गया है, जो दूर से ही दिखता है। ऐसा ही पंचशूल बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भी है।
यहां फिलहाल 2500 मीटर का रनवे बनकर तैयार है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल का ट्रायल भी सफल रहा है। इस एयरपोर्ट पर 180 यात्रियों की क्षमता वाला विमान उतर सकता है। सुरक्षा के लिहाज से 137 अधिकारियों और जवानों को तैनात किया गया है। इनमें एक डीएसपी स्तर के अधिकारी सहित 2 इंस्पेक्टर, 7 एसआई, 17 एएसआई और 16 हवलदार सहित 94 कांस्टेबल शामिल हैं।
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