लखनऊ, 28 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने मंगलवार को कहा कि सरकार इस क्षेत्र में क्रेडिट फ्लो में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करेगी।उन्होंने कहा कि सरकार समाधान और ऋण सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था विकसित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
मंत्री एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित एक एमएसएमई सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जब उन्होंने भारत को एक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में माइक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
इस सत्र का विषय एमएसएमई को व्यापार, वित्त और बेहतर निवेश सुविधाओं के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने पर केंद्रित था।
मंत्री ने आगे कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को देश में विकास के नए इंजन के रूप में विकसित किया जा रहा है। नवाचार के माध्यम से इसका आधुनिकीकरण किया जा रहा है और यह अधिक प्रतिस्पर्धी होगा।
उन्होंने कहा कि जब उद्योग को व्यापार के मामले में संकट का सामना करना पड़ा, तो सरकार ने इस क्षेत्र के लिए कई प्रावधान किए।
उदाहरण के लिए, इमेरजेंसी क्रेडिट फैसिलिटी गारंटी स्किम (ईसीएलजीएस) के तहत 5 लाख करोड़ रुपये तक की ऋण सुविधा का प्रावधान किया गया है, जबकि माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त क्रेडिट प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र से निर्यात कारोबार लगातार बढ़ रहा है और देश के निर्यात में योगदान अब लगभग 50 प्रतिशत को छू रहा है।
यह देश की जीडीपी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा भी है। ऐसे में वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने में एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि उद्योग को समय के साथ आगे बढ़ना है और नए जमाने की तकनीक को अपनाने पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें समय और खर्च बचाने के लिए व्यवसाय के सभी पहलुओं में डिजिटलीकरण प्रणाली, प्रक्रियाएं और संचालन भी शामिल हैं। इससे गुणवत्तापूर्ण सामान और व्यवसाय बिना किसी रुकावट के काम करेंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
--आईएएनएस
एसकेके/एएनएम