नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणालियों के लिए एक स्पष्ट खतरा है। आरबीआई की वार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) 2022 में, उन्होंने प्रस्तावना में लिखा था कि जो कुछ भी बिना किसी अंतर्निहित के, विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करता है, वह एक परिष्कृत नाम के तहत सिर्फ अटकलें हैं।
दास ने जोर देकर कहा, जबकि प्रौद्योगिकी ने वित्तीय क्षेत्र की पहुंच का समर्थन किया है और इसके लाभों का पूरी तरह से उपयोग किया जाना चाहिए, वित्तीय स्थिरता को बाधित करने की इसकी क्षमता से बचाव किया जाना चाहिए।
आरबीआई गवर्नर क्रिप्टोकरेंसी के मुखर आलोचक रहे हैं।
उन्होंने हाल ही में क्रिप्टो निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि यह मेरा कर्तव्य है कि मैं उन निवेशकों को बताऊं जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं, यह ध्यान रखें कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं।
गुरुवार को सामने आई आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में दास ने कहा कि जैसे-जैसे वित्तीय प्रणाली तेजी से डिजिटल होती जा रही है, साइबर जोखिम बढ़ रहे हैं और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, कुल मिलाकर, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय स्थिरता के जोखिम वैश्विक स्पिलओवर और भू-राजनीतिक तनावों की ओर झुके हुए हैं। फिर भी, भारतीय वित्तीय प्रणाली इन झटकों का सामना करने के लिए अंतर्निहित मजबूती और लचीलापन प्रदर्शित करती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि वित्तीय वर्ष 23 में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को रोल आउट करेगा जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा।
आरबीआई की रिपोर्ट में आगे, दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की संभावनाएं यूरोप में युद्ध से धुंधली हुई हैं, यहां तक कि वे कोविड -19 महामारी के उभरने से भी आकार ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, वर्तमान स्थिति की एक उल्लेखनीय विशेषता भारतीय वित्तीय संस्थानों का समग्र लचीलापन है। अर्थव्यवस्था को अच्छी स्थिति में खड़ा करना चाहिए क्योंकि यह अपनी संभावनाओं को मजबूत करता है।
--आईएएनएस
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