यह भारत के सबसे पुराना और बड़ा इलेक्ट्रिक व्हीकल मेला है। एक्स्पो में कुछ रोमांचक अविष्कार भी दिखे, जिसमें भारत की सबसे बड़ी जीरो एमिशन (शुन्य उत्सर्जन) कॉपोर्रेट सेवा कंपनी लिथियम अर्बन टेक्नोलॉजीज प्रा लिमिटेड की इलेक्ट्रिक कार और बस शामिल रहीं। वहीं ग्रीनसेल मोबिलिटी इलेक्ट्रिक बसों का प्रदर्शन हुआ जिसको लोगों ने खूब देखा।
इसके साथ ही अल्टियस ऑटो सोल्यूशन्स ने 2000 वॉट मोटर, 70 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति और 110 किलोमीटर प्रति चार्ज के अच्छे माइलेज के साथ एक हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर भी लोगों को पसंद आया। इस स्कूटर कि कीमत करीब 85,000 रु होगी।
इसके अलावा ए-वन एनर्जी प्रा लिमिटेड द्वारा जो की ई-मोबिलिटी स्पेस में मोहाली स्थित स्टार्टअप है, उन्होंने 48वी 27ए एच लिथियम-आयन बैटरी द्वारा संचालित 2 स्टाइलिश ई-स्कूटर हबीबी और ई-नोआ भी एक्सपो में आकर्षण का केंद्र रहे। यह स्कूटर प्रति चार्ज 80 किमी का माइलेज देता हैं। इसकी कीमत 60,000 रुपये से शुरू है।
ई वी एक्सपो 2022 के आयोजक राजीव अरोरा ने कहा, हम भारत भर से आये लगभग 100 प्रदर्शकों की उपस्थिति से खुश हैं, और पहले दिन ही आगंतुकों की संख्या से और भी उत्साहित हैं। इलेक्ट्रिक 2 और 3 पहिया वाहनों के साथ-साथ बैटरी और चाजिर्ंग सॉल्यूशंस आदि में नए लॉन्च की संख्या इस समय ईवी एक्सपो जैसे प्लेटफॉर्म की आवश्यकता को साबित करती है।
जो ईवी निर्माताओं को पिछले 12 महीनो के दौरान विकसित किये अपने नवाचारों का अनावरण और प्रदर्शन करने के लिए एक बहुत ही विशेष अवसर प्रदान करता है। इस एक्सपो के 3 दिनों के दौरान हम 15,000 से भी ज्यादा व्यावसायिक विजिटर्स के आने की आशा करते हैं।
इस एक्सपो का उद्घाटन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने किया और कहा था, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोचना है कि हमारे पर्यावरण को जो नुकसान हो रहा है, उसको कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल जैसे प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए, और जब हम ऐसा करते हैं, तो इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा। अभी तक हमारी सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की मात्रा केवल 0.35 फीसदी है, लेकिन निकट भविष्य में इसका उपयोग तेजी से बढ़ने वाला है। एमएसएमई क्षेत्र में लाखों छोटी छोटी इकाइयां काम कर रही हैं और देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 फीसदी का योगदान दे रही हैं। इसमें 11 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत हैं।
--आईएएनएस
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