भोपाल, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में लगभग एक दशक पहले हुए बुंदेलखंड पैकेज घोटाले की पोषण आहार घोटाले ने याद दिलाने का काम किया है, क्योंकि बुंदेलखंड पैकेज में भी कई टन पत्थर ढोने वाले वाहनों के नंबर स्कूटी और स्कूटर के निकले थे। ठीक ऐसा ही कुछ पोषण आहार मामले में हुआ है, जिसका खुलासा महालेखाकार की रिपोर्ट ने किया है।ज्ञात हो कि केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी, तब वर्ष 2007-08 में बुंदेलखंड के विकास के लिए लगभग साढ़े सात हजार करोड़ का विशेष पैकेज मंजूर किया गया था, इसमें से आधी राशि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के हिस्से में आई थी। मध्य प्रदेश वाले बुंदेलखंड के छह जिले अब वर्तमान में इनकी संख्या सात हो गई है। इन जिलों छतरपुर टीकमगढ़ पन्ना सागर दमोह निवाड़ी और दतिया पर लगे सूखा के दाग को मिटाकर बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने की कोशिश शुरू हुई थी।
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के हिस्से में आई राशि लगभग खत्म हो चुकी है, मगर हालात बहुत ज्यादा नहीं बदले हैं। बुंदेलखंड में हुए विकास कार्यों की जांच की गई तो एक बात सामने आई कि पत्थर भी मोटरसाइकिल, स्कूटी और स्कूटर से ढोए गए थे, एक मामला तो रोचक था, जब एक ट्रक से पांच टन पत्थर ले जाए जाने का सरकारी दस्तावेजों में जिक्र था, जब हकीकत जानी गई तो वह नंबर स्कूटर का निकला। इतना ही नहीं टैंकर, ट्रैक्टर के नंबरांे की जांच हुई तो वह स्कूटर, स्कूटी व मोटर साइकिल के निकले थे।
अब पोषण आहार मामले को लेकर महालेखाकार की जो रिपोर्ट सामने आई है वह बुंदेलखंड पैकेज में हुई गड़बड़ियों की ही तरह है। कुल मिलाकर दोनों ही मामलों में गफलत एक ही तरह से हुई है, जिन वाहनों को ट्रक बताया गया वे छोटे वाहनों बाइक व ऑटो के नंबर निकले हैं। पोषण आहार को लेकर महालेखाकार की रिपोर्ट साफ बताती है कि 34 ऐसे नंबर पाए गए हैं जो कागजों में तो ट्रक के दर्ज है मगर वे छोटे वाहनों के हैं।
पोषण आहार मामले को लेकर महालेखाकार की रिपोर्ट पर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हैं, कांग्रेस जहां भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने में लगी है, क्योंकि यह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है, वहीं भाजपा इसे अंतिम रिपोर्ट मानने को ही तैयार नहीं है, बल्कि कांग्रेस के काल का घोटाला बता रही है।
विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि एमपीएजी की रिपोर्ट प्रथम ²ष्टया घपले की वास्तविकता दर्शाती है। इसमें जो भ्रष्टाचार दिख रहा है, वह तो बहुत कम है। सूक्ष्मता से जांच होने पर शिवराज सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई या न्यायिक जांच कराने की मांग की है ताकि प्रदेश की जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
वहीं मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ये कैग की अंतिम रिपोर्ट नहीं है। यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, जिस पर अभी विभाग को अपना पक्ष प्रस्तुत करना है। कांग्रेस ने पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेने की कार्रवाई की थी। कांग्रेस शासनकाल में निम्न स्तर का पोषण देने पर 35 करोड़ की राशि रोकी गई।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली के नेता के आरोप का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, और हां, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया आपकी आम आदमी पार्टी ने तो चार वर्ष से कैग की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत ही नहीं की। कहीं आपके घोटाले सामने न आ जाएं।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बुंदेलखंड पैकेज और पोषण आहार के परिवहन में टक की जगह बाइक और छोटे वाहनों के नंबर की बात सामने आने पर चुटकी लेते हुए कहा, इस बात को भी पता किया जाना चाहिए कि क्या बुंदेलखंड पैकेज में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी या परिवहन करने वाले पोषण आहार से तो नहीं जुड़े हैं, क्योंकि देानों में तरीका एक ही तरह का है।
--आईएएनएस
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