नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। वेब 3.0, ब्लॉकचेन, क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स और एनएफटी टेक्नोलॉजी पर आधारित ऐसे पाठ्यक्रम हैं जो सीधे-सीधे भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर के छात्रों के भविष्य पर फोकस करते हैं। भारत में ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रमों को उद्योग जगत के प्रमुख भागीदारों व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के साथ मिलकर टाइम्सप्रो द्वारा विकसित किया जा रहा है। न्यू ऐज टेक्नोलॉजी आधारित विभिन्न पाठ्यक्रमों को पूरा करने वाले छात्रों को आईआईटी रोपड़, आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान सर्टिफिकेट जारी करेंगे। खास बात यह है कि टेक्नोलॉजी आधारित कई पाठ्यक्रमों को डिजाइन करने और इनकी ट्रेनिंग में भी आईआईटी फैकेल्टीज की भूमिका है।
टेक्नोलॉजी के पक्ष को उजागर करते हुए फिक्की - ईवाई की 2022 की रिपोर्ट ने वेब 3.0 टेक्नोलॉजी को इंटरनेट के लिए गेम चेंजर बताया है। यह 2032 तक भारत की जीडीपी में लगभग 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ सकता है। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि आने वाले समय में मेटावर्स काफी विकसित होगा, कई तरह के बदलावों की अगुवाई करेगा, उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाएगा तथा 2025 तक इस क्षेत्र में 50 मिलियन से अधिक अवतार होंगे।
शिक्षार्थियों के लिए भविष्य पर केंद्रित और टेक्नोलॉजी पर आधारित कार्यक्रमों की पेशकश करते हुए यहां मेटावर्स में इंटरैक्टिव अनुभव के माध्यम से वेब 3.0 लनिर्ंग इनीशिएटिव की शुरूआत की गई है। भारत में इस पहल का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की वेब 3.0 टेक्नोलॉजी में अत्याधुनिक कार्यक्रमों के माध्यम से सबसे बेहतर गुणवत्ता वाली आधुनिक एवं नए जमाने की शिक्षा उपलब्ध कराना है, जिसमें ब्लॉकचेन, क्रिप्टो करेंसी, मेटावर्स, एनएफटी इत्यादि शामिल हैं। इस न्यू ऐज टेक्नोलॉजी को उद्योग जगत के प्रमुख भागीदारों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, आईहब दिव्यसम्पर्क (आईआईटी रुड़की) और इंडिया ब्लॉकचेन एलायंस जैसे अहम संस्थानों के साथ मिलकर टाइम्सप्रो द्वारा विकसित किया गया है।
टेक्नोलॉजी आधारित इन पाठ्यक्रमों में अलग-अलग सर्टिफिकेट कार्यक्रम तथा छात्रों की सहूलियत और योग्यता अनुसार कार्यक्रमों की पेशकश की जा रही है। इसका मूल शिक्षार्थियों को लगातार विकसित हो रही टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सीखने का अवसर प्रदान करना है।
इसके लिए विभिन्न आईआईटी के सहयोग से वेब 3.0 के साथ शुरूआत, ब्लॉकचेन फंडामेंटल्स तथा सॉलिडिटी एवं एथेरियम स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ-साथ ब्लॉकचेन, फिनटेक में सर्टिफिकेट प्रोग्राम के अलावा तकनीकी शिक्षार्थियों के कौशल को बढ़ाने के लिए ब्लॉकचेन डेवलपर प्रोग्राम पेश किया जाएगा। जिन्हें शिक्षार्थी अपनी सहूलियत के अनुसार एक समय-सीमा में सीख सकते हैं।
हायर एडटेक प्लेटफॉर्म टाइम्सप्रो के सीईओ अनीश श्रीकृष्ण ने आईएएनएस से कहा, यह एक उभरती हुई टेक्नोलॉजी है। हमने फुल स्टैक, साइबर सुरक्षा, एआई, बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में कई प्रमुख कार्यक्रम पेश किए हैं। नए जमाने के और कौशल विकसित करने वाले कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने के लिए देश के अग्रणी आईआईटी, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ साझेदारी की गई है।
गौरतलब है कि वेब 3.0 कार्यक्रम शिक्षार्थियों पर केंद्रित होंगे जिनमें केस स्टडी, प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, हैकाथॉन और कैपस्टोन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से उनकी अधिकतम भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य शिक्षा के अलावा, करियर संबंधी सेवाएं भी इस पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे, जिनमें रिज्यूम तैयार करना, उद्योग जगत के विशेषज्ञों के साथ आमने-सामने बैठकर परामर्श प्राप्त करना और विशेषज्ञ सत्र का आयोजन शामिल है। अत्याधुनिक शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) के जरिए इन कार्यक्रमों को शिक्षार्थियों तक पहुंचाया जाएगा।
इस पहल के अंतर्गत उद्योग जगत के भागीदारों एवं इससे जुड़े सभी संसाधनों का एक मजबूत वर्चुअल इकोसिस्टम विकसित करने, तथा शिक्षार्थियों की एक मजबूत कम्युनिटी बनाने के लिए ग्लोबल एसएमई नेटवर्क तैयार करने के उद्देश्य से एक वेब 3.0 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) भी तैयार किया जाएगा।
इन कार्यक्रमों से शिक्षार्थियों के लिए वेब 3.0 टेक्नोलॉजी की गहरी समझ विकसित होगी जो दुनिया के ऑनलाइन इंटरेक्शन के तरीके को बदल रहे हैं। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एवं क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति, इसके अनुप्रयोग, और वास्तविक दुनिया के उपयोग के मामलों से लेकर कई ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को कोड करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा की पूरी समझ विकसित करने के साथ-साथ वेब 3.0, डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (डीएफआई) और डिसेंट्रलाइज्ड ऑटोनॉमस ऑगेर्नाइजेशन (डीएओ), नॉन-फन्जिवल टोकन (एनएफटी) और मेटावर्स जैसे अत्याधुनिक विषयों तक की शिक्षा प्रदान करने वाले ये सभी पाठ्यक्रम शिक्षार्थियों को इस क्षेत्र में दूसरों से आगे रहने में मदद करेंगे।
--आईएएनएस
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