नई दिल्ली, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2022 में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई, जो मुख्य रूप से उच्च खाद्य कीमतों के कारण है।अगस्त में खाद्य मुद्रास्फीति 7.62 प्रतिशत रही, जो जुलाई में 6.75 प्रतिशत थी।
जून में खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसदी थी, जबकि जुलाई में यह मामूली रूप से गिरकर 6.71 फीसदी पर आ गई थी। अब अगस्त में सब्जियों, अनाज, दूध, कपड़े, जूते और आवास की कीमतों में वृद्धि के कारण यह फिर से बढ़कर 7 प्रतिशत हो गया है।
यह लगातार आठवां महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर मापा जाता है, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत के टोलेरेंस लेवल से ऊपर बनी हुई है।
खराब मानसून, विशेष रूप से उत्तरी भारत में, गेहूं और चावल जैसी फसलों की कमी हो गई है, जिसके कारण सरकार ने उनके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इससे खाद्य पदार्थों की उच्च कीमतें बढ़ी हैं, जो बढ़ती खुदरा मुद्रास्फीति में परिलक्षित होती है।
--आईएएनएस
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