नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बैंकों को अपने निर्णय लेने वाले बोडरें को पेशेवर यानी प्रोफेशनल बनाने का निर्देश दिया, जिससे ये स्पष्ट हो गया कि उन्हें पुरानी पृष्ठभूमि के साथ नहीं चलाया जा सकता है। मतलब साफ है जैसा चलता आ रहा है वैसा अब नहीं चलेगा। मुंबई में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की 75 वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, अपने निर्णय लेने वाले बोडरें को पेशेवर बनाइए, ये कोई रास्ता नहीं कि बैंक अब पुरानी पृष्ठभूमि के साथ चल सकते हैं, हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बैंकों के कामकाज में कोई निर्देश नहीं दिया गया और न ही कोई हस्तक्षेप किया गया है। हमें तेज गति से व्यावसाय के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरुरत है। हम बैंकों को पूरी तरह से बैंकिंग परिप्रेक्ष्य के साथ, और उन्हें पेशेवरों द्वारा संचालित करने की आवश्यकता के बारे में जागरूक हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को अधिक तकनीक से जुड़ने का भी आग्रह किया। इसके साथ आईबीए को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके सिस्टम एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाएं या एक-दूसरे से बात करते रहें यानी संपर्क में हों।
उन्होंने अपने भाषण के दौरान वहां मौजूद लोगों से ये भी जानना चाहा कि, क्या आप डिजिटल जानकार हैं, क्या आपके कर्मचारी डिजिटल जानकार हैं, क्या आप एक डिजिटल संस्थान होने में सहज हैं और इसमें कितनी ट्रेनिंग दी जाती है, क्या आपके सिस्टम एक-दूसरे से बात करते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि ये सभी चीजें जरुरी है। साथ ही आईबीए को यह सुनिश्चित करने की योजना बनानी चाहिए कि सभी बैंक , चाहे निजी हो या सार्वजनिक, ग्राहक क्या चाहता है उसके लिए एक दूसरे से बात करें।
सीतारमण ने बैंकों से अगले 25 सालों यानी 2047 तक के लिए योजना बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि, आपको अगले 25 सालों में भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए रणनीति बनाने की आवश्यकता है। आपको अपने पोर्टफोलियो बनाने की जरूरत है ताकि वह युवाओं के लिए भी आकर्षक हों और खुद को उनके लिए सुलभ बना सकें। क्या आप युवाओं से, महिलाओं से संवाद कर रहे हैं और क्या आप उन्हें अपनी योजनाओं को समझा पा रहे हैं।
आगे वित्त मंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वेब-3 जैसी तकनीक धोखाधड़ी का पता लगाने और गलत तरीके से पैसों के लेन-देन को ट्रैक करने में काफी मदद करती है। वेब-3 का उपयोग, डेटा विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इन सभी में आईबीए की तरफ से कुछ समन्वय होना चाहिए। कुछ गड़बड़ी होने पर एआई का लाभ उठाना बैंकों के लिए तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए, विशेष रूप से शुरुआत में गड़बड़ी के संकेत मिलने पर और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए।
बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा के महत्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उन्होंने एसोसिएशन से जानना चाहा कि क्या वे, सभी पर्याप्त फायरवॉल के लिए तैयार हैं, क्या आप हैकिंग और अप्रत्याशित घटना से सुरक्षित हैं जो आपके सिस्टम को नीचे लाते हैं। उन्होंने आगे बैंकिंग क्षेत्र को 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए कहा।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 25 सालों को प्रधानमंत्री अमृत काल के रूप में संदर्भित करते हैं, और भारत की दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ इसकी शुभ शुरूआत हो गई है। हमारे पास करने के लिए और भी बहुत कुछ है। बैंकिंग उद्योग को अमृत काल की सेवा करने की आवश्यकता है, हमें ये देखना होगा कि हम बढ़ते हुए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए खुद को कितना बेहतर तरीके से उठा सकते हैं। प्रधान मंत्री ने कहा है कि हमें ऐसा करने की आवश्यकता है। 2047 तक हम जिस विकसित देश का सपना देख रहे हैं उसमें बैंकिंग क्षेत्र को बड़ा योगदान देना है।
--आईएएनएस
खजान पांडे/एएनएम