नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को स्पाइसजेट की परिचालन क्षमता की सीमा 29 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।एक आदेश में डीजीसीए ने कहा कि, स्पाइसजेट के सुरक्षा प्रदर्शन की समीक्षा पर विस्तार दिया गया है। समीक्षा ने सुरक्षा घटनाओं की संख्या में कमी दिखाई है। हालांकि, अत्यधिक सावधानी के रूप में लगाया गया प्रतिबंध 29 अक्टूबर को ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के अंत तक लागू रहेगा।
आदेश में कहा गया है कि एयरलाइंस अब 29 अक्टूबर, 2022 तक 50 फीसदी फ्लाइट्स के साथ ही संचालन करेगी। इस अवधि के दौरान, एयरलाइन डीजीसीए की संतुष्टि के अनुसार प्रदर्शित करने के अधीन होगा कि, उसके पास बढ़ी हुई क्षमता को सुरक्षित और कुशलता से करने के लिए पर्याप्त तकनीकी सहायता और वित्तीय संसाधन हैं।
27 जुलाई को डीजीसीए ने स्पाइसजेट के विमानों में लगातार आ रहीं तकनीकी खराबियों के चलते एक्शन लेते हुए 8 हफ्तों के लिए 50 फीसदी उड़ानों पर रोक लगा दी थी। डीजीसीए ने कहा था कि इन 8 हफ्तों तक एयरलाइंस को अतिरिक्त निगरानी में रखा जाएगा। स्पाइसजेट ने इससे पहले 30 जून, 2021 को समाप्त तिमाही में 789 करोड़ रुपये (विदेशी मुद्रा समायोजन को छोड़कर) के घाटे की जानकारी दी थी। समाप्त तिमाही में 729 करोड़ रुपये के नुकसान की तुलना में व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इस फैसले का एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट के आर्थिक हालात पर भी असर पड़ा है। मंगलवार को, कंपनी ने अपने कुछ पायलटों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया है। एयरलाइन ने कहा कि, वह जल्द ही मैक्स विमान को शामिल करेगी और ये पायलट इंडक्शन शुरू होते ही सेवा में वापस आ जाएंगे। एलडब्ल्यूपी अवधि के दौरान, पायलट और सभी कर्मचारी लाभों के लिए पात्र रहेंगे, जैसे बीमा और कर्मचारी अवकाश यात्रा।
--आईएएनएस
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