नई दिल्ली, 26 सितम्बर (आईएएनएस)। सरकार ने सोमवार को स्वदेशी रूप से विकसित एवीजीएएस 100 एलएल लॉन्च किया, जो पिस्टन इंजन वाले विमानों और मानव रहित एरियल वाहनों के लिए एक विशेष विमानन ईंधन है।इसे इंडियन ऑयल (NS:IOC) कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया गया है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हिंडन हवाईअड्डे पर ईंधन लॉन्च करते हुए कहा, हम एक उल्लेखनीय परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं जो लगभग क्रांतिकारी है। हम जैव ईंधन सम्मिश्रण, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत को बढ़ावा देकर आयातित ईंधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं।
फिलहाल भारत इस उत्पाद को यूरोपीय देशों से आयात कर रहा है।
पुरी ने कहा कि भविष्य में पायलट प्रशिक्षण के लिए हवाईअड्डों पर यात्रियों की संख्या में वृद्धि, विमान की संख्या में वृद्धि और प्रशिक्षु विमानों में उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) के साथ एक संपन्न विमानन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी एवी गैस 100 एलएल का शुभारंभ महत्वपूर्ण है।
जैसा कि भविष्य में भारत में हवाई परिवहन की मांग कई गुना बढ़ने की उम्मीद है, प्रशिक्षित पायलटों की भी भारी मांग होने वाली है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एफटीओ की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्रीकांत वैद्य ने कहा, इंडियन ऑयल को अपनी रिफाइनिंग क्षमता और इन-हाउस विशेषज्ञता का लाभ उठाकर इस विशेष ईंधन को पेश करने पर गर्व है। वास्तव में स्वदेशी ईंधन आयातित ग्रेड की तुलना में बेहतर है। एवी गैस बाजार के 2029 तक मौजूदा 1.92 अरब डॉलर से बढ़कर 2.71 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। हम घरेलू मांग को पूरा करने के अलावा निर्यात के अवसरों को लक्षित करने के लिए जल्द ही एक नई सुविधा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। मुझे विश्वास है कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के साथ हम जो बेहतर गुणवत्ता प्रदान करते हैं, वह हमें वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेगी और भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक नया अध्याय खोलेगी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इंडियन ऑयल द्वारा अपनी गुजरात रिफाइनरी में उत्पादित एवीजीएएस 100 एलएल का घरेलू उत्पादन भारत में उड़ान प्रशिक्षण को और अधिक किफायती बना देगा।
--आईएएनएस
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