नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट के युग की शुरूआत करते हुए 5जी टेलीफोनी सेवाओं की शुरूआत कर दी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (NS:RELI) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, भारती एंटरप्राइज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल, आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला समेत उद्योग जगत के अन्य नेताओं की उपस्थिति में सभा को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि, शिखर सम्मेलन वैश्विक हो सकता है लेकिन इसके नतीजे और निर्देश स्थानीय हैं। मोदी ने नई दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के छठे संस्करण का भी उद्घाटन किया और इस अवसर पर आईएमसी प्रदर्शनी भी देखी।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, आज देश के 130 करोड़ लोगों को टेलीकॉम इंडस्ट्री ने 5जी का तोहफा दिया है। 5जी देश के द्वार पर नए दौर की दस्तक है। 5जी अवसरों के अनंत आकाश की शुरूआत है। मैं प्रत्येक भारतवासी को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
पीएम ने कहा कि, 5जी के इस लॉन्च और प्रौद्योगिकी के इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्र और श्रमिक समान भागीदार हैं। पिछले कुछ सालों में भारत में तकनीकी विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, नया भारत केवल प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता नहीं रहेगा, बल्कि भारत उस प्रौद्योगिकी के विकास और कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएगा। 2जी, 3जी और 4जी के लिए हम दूसरों पर निर्भर रहे। लेकिन 5जी में भारत लीड कर रहा है। आज नेट का इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति समझता है कि 5जी टेक्नीक का आ*++++++++++++++++++++++++++++र्*टेक्च र बदल कर रख देगा
डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, कुछ लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ एक सरकारी योजना है। लेकिन डिजिटल इंडिया सिर्फ एक नाम नहीं है, यह देश के विकास के लिए एक बड़ा विजन है। इस विजन का लक्ष्य उस तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाना है, जो लोगों के लिए काम करती है, लोगों से जुड़कर काम करती है। डिजिटल इंडिया के लिए एक समग्र ²ष्टिकोण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रधान मंत्री ने विस्तार से बताया, हमने एक साथ चार दिशाओं में चार स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया। पहला डिवाइस की कीमत, दूसरा डिजिटल कनेक्टिविटी, तीसरा डेटा की लागत, चौथा और सबसे महत्वपूर्ण बात, डिजिटल फस्र्ट का विचार।
पहले स्तंभ के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उपकरणों की कम लागत को आत्मनिर्भयता के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। आठ साल पहले तक भारत में केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं। मोदी ने कहा, ये संख्या अब 200 हो गई है। आगे पीएम ने कहा कि, 2014 में शून्य मोबाइल फोन के निर्यात से आज हम हजारों करोड़ रुपये के मोबाइल फोन निर्यातक देश बन गए हैं। उन्होंने कहा, स्वाभाविक रूप से इन सभी प्रयासों का डिवाइस की लागत पर असर पड़ा है। अब हमें कम कीमत पर अधिक सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि 2014 में भारत में 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, यह संख्या जो अब बढ़कर 85 करोड़ हो गई है।
पीएम ने कहा, कई लोग मेरे आत्मानिर्भर भारत का मजाक उड़ाते हैं। हमने भारत में मोबाइल फोन निर्माण इकाइयां बढ़ा दीं। 8 साल पहले केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं। आज भारत में 200 से अधिक इकाइयां हैं। आज भारत मोबाइल मैन्युफैक्च रिंग के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। आज हम कई देशों को मोबाइल निर्यात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने 5जी तकनीक के जरिए मेट्रो टनल के अंदर मौजूद मेट्रो कर्मचारियों से भी वर्चुअली बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी एक जीबी डेटा 300 रुपये में मिलता था लेकिन आज इसकी कीमत 10 रुपये रह गई है। सरकार के उपभोक्ता केंद्रित प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत में डेटा की लागत बहुत कम है।
--आईएएनएस
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