नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उम्मीद जताई है कि सितंबर के अपने उच्च स्तर से मुद्रास्फीति की दर में कमी आएगी। हालांकि इसकी गति धीमी रहेगी। यह बात केंद्रीय बैंक के अक्टूबर के मासिक बुलेटिन में कही गई है। बुलेटिन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रकाशित लेख में केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत की संभावनाओं को प्रभावित करेगा।
अर्थव्यवस्था की वैश्विक परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए बुलेटिन में कहा गया है कि आक्रामक और समकालिक मौद्रिक सख्ती ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं को और कमजोर कर दिया है, क्योंकि खस्ताहाल वित्तीय बाजारों की वजह से निवेशकों में डर गए हैं। उन्होंने जोखिम लेना छोड़ दिया है।
मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के विपरीत, आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि भारत में आर्थिक गतिविधियां व्यापक रूप से लचीली बनी हुई हैं। घरेलू मांग में तेजी के साथ वृद्धि के साथ ही अर्थव्यवस्था विस्तार को तैयार हैं। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उछाल आ रहा है।
बुलेटिन में कहा गया है कि मजबूत क्रेडिट वृद्धि और मजबूत कॉर्पोरेट और बैंक बैलेंस शीट अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करते हैं। कठिनाई के बावजूद मुद्रास्फीति सितंबर के उच्च स्तर से नीचे आने के लिए तैयार है, हालांकि इसकी गति धीमी होगी। ये कारक दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक, भारत की आर्थिक संभावनाओं को और मजबूत बनाएंगे।
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