नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में रेस्तरां, भोजनालयों और होटलों की लाइसेंसिंग जरूरतों को आसान और सुगम बनाने के लिए संबंधित विभागों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति बनाई है।प्रधान सचिव (गृह) की अध्यक्षता वाली और आईटी विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), एमसीडी, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा और एनडीएमसी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की अध्यक्षता वाली समिति अन्य बातों के साथ-साथ लाइसेंसों की संख्या को कम करने और हटाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
समिति सदस्यों को सहयोजित करने में सक्षम होगी और हितधारक होटल और रेस्तरां संघों आदि से व्यापक इनपुट लेगी।
एलजी कार्यालय ने कहा, यह समिति आतिथ्य क्षेत्र को समग्र रूप से प्रोत्साहन प्रदान करने के अलावा, देर रात भोजन, अल्फ्रेस्को भोजनालयों और खुले में भोजन करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
सक्सेना ने समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। यह कदम एलजी के हाल के 314 प्रतिष्ठानों को अनुमति देने के फैसले के क्रम में आया है, जिसमें केपीओ और बीपीओ के अलावा भोजन, दवाओं, रसद, परिवहन और यात्रा सेवाओं, अन्य आवश्यक वस्तुओं की ऑनलाइन डिलीवरी शामिल है, जिनके आवेदन 2016 से लंबित थे। ये राष्ट्रीय राजधानी में चौबीसों घंटे काम करते हैं।
शहर में आतिथ्य प्रतिष्ठान, उद्यमी, विशेष रूप से छोटे और मध्यम वर्ग के लोग अब तक दिल्ली पुलिस, स्थानीय निकायों (एमसीडी और एनडीएमसी), अग्निशमन विभाग और डीपीसीसी के पंजीकरण और निरीक्षण प्रक्रियाओं के अधीन हैं।
एलजी कार्यालय ने एक बयान में कहा, इन प्रक्रियाओं और जरूरतों को अक्सर पुरानी, अनावश्यक रूप से प्रतिबंधात्मक, जबरदस्ती और विवेकाधीन पाया जाता है। उन्होंने अक्सर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी की हैं, जिसके परिणामस्वरूप यह तथ्य है कि अन्य वैश्विक और भारतीय शहरों के विपरीत, दिल्ली का आतिथ्य क्षेत्र अभी तक उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है।
एलजी कार्यालय ने कहा कि ये परिवर्तन और संशोधन न केवल महामारी प्रभावित आतिथ्य उद्योग के लिए बड़ी राहत के रूप में आएंगे, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि रात के समय की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, अधिक रोजगार पैदा होगा और आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।
--आईएएनएस
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