कोलकाता, 17 नवंबर (आईएएनएस)। कोल इंडिया लिमिटेड (NS:COAL) के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने बुधवार को देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारत के खनन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि 2030 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।बुधवार को कोलकाता में 16वें सीआईआई ग्लोबल माइनिंग समिट में उन्होंने कहा, वांछित आर्थिक विकास हासिल करने के लिए आदर्श रूप से देश की जीडीपी में देश के खनन क्षेत्र का योगदान 2.5 फीसदी होना चाहिए।
उन्होंने कहा- खनन क्षेत्र का महत्व उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निहित है जिन्हें यह पूरा कर रहा है। इसलिए देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में इस क्षेत्र की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता है और इसलिए सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र के योगदान को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्य आवश्यकता इस क्षेत्र में आयात की उच्च दर को कम करना है।
अग्रवाल ने कहा कि सीआईएल चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही के दौरान ई-नीलामी के माध्यम से 50 मिलियन टन बिक्री का लक्ष्य बना रही है। उन्होंने यह भी बताया कि निकासी और उत्पादन के क्षेत्रों में दोहरी चुनौतियों का सामना करने के लिए सीआईएल मशीनीकृत निकासी और प्रथम-मील कनेक्टिविटी में काफी निवेश कर रहा है। निकासी को उत्पादन की तुलना में एक बड़ी चुनौती के रूप में पहचानते हुए, अग्रवाल ने अगले चार वर्षों के भीतर अधिकांश यंत्रीकृत निकासी हासिल करने का विश्वास व्यक्त किया।
एनएमडीसी लिमिटेड के अध्यक्ष सुमित देब भी समिट में मौजूद रहे। उन्होंने आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अन्वेषण, अनुसंधान एवं विकास और खनिजों के निष्कर्षण के क्षेत्रों में मजबूत विदेशी साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उनके अनुसार, नियामक देरी को कम करना और तेजी से खान आवंटन सुनिश्चित करना समय की प्रमुख जरूरतें थीं।
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