नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को हवाईअड्डा संचालकों से अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने और अपने सिस्टम और प्रक्रियाओं को फिर से डिजाइन करने को कहा है, जहां किसी भी तरह की मांग पूरी करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।विमानन सचिव राजीव बंसल ने बेंगलुरु और मुंबई के हवाईअड्डा संचालकों के साथ बैठक की, जिसमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक सहित सुरक्षा और सुरक्षा नियामकों ने भाग लिया। वरिष्ठ अधिकारी पीक आवर्स के दौरान बेंगलुरु और मुंबई हवाईअड्डों पर भीड़भाड़ कम करने के लिए किए गए उपायों का जायजा लेंगे।
बंसल ने इस बात पर जोर दिया कि हवाईअड्डा संचालकों को यात्रियों की संख्या में वृद्धि के अनुरूप आवश्यक सुविधाएं देनी होंगी, जिससे हवाई यात्रियों को परेशानी मुक्त यात्रा की सुविधा मिल सके।
इसके अलावा, हवाईअड्डे के संचालकों को प्रवेशद्वारों, सुरक्षा लेनों पर वास्तविक समय के आधार पर प्रतीक्षा समय को इंगित करने के लिए साइन बोर्ड लगाने सहित पहलुओं पर दैनिक रिपोर्ट देने और सोशल मीडिया फीड के माध्यम से उसको साझा करने की सलाह दी गई, चाहे सभी एयरलाइंस उनकी जांच कर रही हों। इसके अलावा, काउंटरों पर पर्याप्त रूप से सुरक्षा लेन की संख्या बढ़ाने के लिए अतिरिक्त एक्स-रे मशीनों की स्थापना, सुरक्षा लेन की उपलब्धता के साथ पीक ऑवर फ्लाइट शेड्यूल को फिर से संतुलित करने और यात्रियों को सभी प्रासंगिक जानकारी देने के लिए कहा गया है।
उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रमुख हवाईअड्डों पर स्थिति की लगातार निगरानी और क्षमता में वृद्धि से स्थिति में सुधार हुआ है और आने वाले दिनों में और राहत मिलने की संभावना है।
सरकार के संज्ञान में यह आया था कि मौसमी यात्राओं के कारण हवाई यात्रियों की संख्या में वृद्धि के कारण कुछ प्रमुख हवाईअड्डों पर यात्री प्रसंस्करण में विभिन्न स्पर्श बिंदुओं पर भीड़भाड़ के कारण यात्रियों को लंबे समय तक प्रतीक्षा करना पड़ रहा है।
इस संबंध में 7 दिसंबर को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक की थी। उन्होंने प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों को यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बाधाओं की पहचान करने और क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया था।
--आईएएनएस
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