नई दिल्ली, 11 जनवरी (आईएएनएस)। उद्योग जगत के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से गैर-प्रदूषणकारी निर्माण गतिविधियों में प्रतिबंध से छूट देने पर विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने अधिकारियों से अन्य गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए न्यूनतम नोटिस अवधि देते हुए निर्माण में गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया।शहरी विकास, रियल एस्टेट, इन्फ्रा पर सीआईआई दिल्ली पैनल के संयोजक, हर्ष बंसल के नेतृत्व में सीआईआई के प्रतिनिधिमंडल ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और खराब वायु गुणवत्ता की आशंका पर लगाए गए प्रतिबंधों पर निर्माण उद्योग की चिंताओं को शेयर किया।
बंसल ने साझा किया कि निर्माण गतिविधियों को मोटे तौर पर दो खंडों में वगीर्कृत किया जा सकता है: प्रदूषणकारी और गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियां। निर्माण परियोजना में उत्खनन, विध्वंस, सूखे संगमरमर की कटाई, कंक्रीट का मिश्रण, सीमेंट/धूलऔर रेत की लोडिंग और अनलोडिंग जैसी 5 गतिविधियों को प्रदूषणकारी गतिविधियों के रूप में माना जा सकता है, जिससे प्रदूषण होता है।
जबकि, कई अन्य गतिविधियां वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करती हैं - शटरिंग, ईंटवर्क का पुन: प्रवर्तन, विद्युत, आंतरिक कार्य, लिफ्ट स्थापना, प्लंबिंग, अग्निशमन सेवाएं, पीओपी, वेल्डिंग, लोहे की कटाई, स्लैब के लिए लोहे की छड़ें बिछाना, आदि। इसलिए, अधिक एक्यूआई स्तरों के दौरान लगाए गए निर्माण प्रतिबंध पर विचार करते हुए, हम अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वह गैर-प्रदूषणकारी निर्माण गतिविधियों को छूट देने पर विचार करें और उन्हें जारी रखने की अनुमति दें।
सीआईआई के अनुसार, मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह उद्योग की चिंताओं को दूर करेंगे और उद्योग को टिकाऊ और हरित पर्यावरण के लिए समाधान अपनाने की सलाह भी दी। मंत्री ने आगे कहा कि पिछले वर्ष के 53 दिनों के कुल प्रतिबंध से इस वर्ष हम 20 दिनों के प्रतिबंध पर पहुंच गए हैं, यह एक अच्छी प्रगति है और हमें इसे और कम करने का प्रयास करना चाहिए और निर्माण के लिए शून्य प्रतिबंध दिनों तक पहुंचने का लक्ष्य रखना चाहिए।
हालांकि, यह सब न केवल सरकार के प्रयासों से बल्कि उद्योग और लोगों के समर्थन से हो सकता है। वायु प्रदूषण में वृद्धि के मद्देनजर, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 3 के तहत प्रतिबंधों के कार्यान्वयन का निर्देश दिया है, जिसमें दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण और विध्वंस कार्य पर प्रतिबंध भी शामिल है।
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