नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), बड़े व्यवसायों और चैरिटेबल ट्रस्टों के लिए डिजिलॉकर स्थापित करने का ऐलान किया है। भारत में फिनटेक सेवाओं को पहले से ही आधार, पीएम जन धन योजना, वीडियो केवाईसी, इंडिया स्टैक और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सहित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे द्वारा सुविधा प्रदान की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अधिक फिनटेक इनोवेटिव सेवाओं को सक्षम करने के लिए, व्यक्तियों के लिए डिजिलॉकर में उपलब्ध दस्तावेजों का दायरा बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई, बड़े व्यवसाय और चैरिटेबल ट्रस्टों द्वारा उपयोग के लिए एक एंटिटी डिजिलॉकर की स्थापना की जाएगी। यह विभिन्न प्राधिकरणों, नियामकों, बैंकों और अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के साथ, जब भी जरूरत हो, दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन स्टोर करने और साझा करने के लिए होगा।
सरकार ने कहा कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों, नियामकों और विनियमित संस्थाओं द्वारा बनाए गए व्यक्तियों की पहचान और पते को अपडेट करने के लिए डिजीलॉकर सेवा और आधार का उपयोग मूलभूत पहचान के रूप में किया जाएगा।
ई-मुद्रा के अध्यक्ष वी श्रीनिवासन ने कहा कि व्यावसायिक उद्यमों के लिए एंटिटी डिजीलॉकर की शुरुआत दस्तावेजों के ऑनलाइन स्टोरेज की सुविधा प्रदान करेगी जो देश के डिजिटल परिवर्तन को गति प्रदान करेगी। डिजिलॉकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है। यह दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों के स्टोरोज, साझाकरण और सत्यापन के लिए एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म है।
इंटरफेस वेंचर्स के संस्थापक करण देसाई ने कहा कि नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी को रोल आउट करने से आधार और डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म का उपयोग करके सभी नियामकों में व्यक्तिगत पते के मिलान और सत्यापन को आसान बनाने के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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