नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए 15 फरवरी को पूरे देश में ई-नीलामी के जरिए गेहूं की दूसरी बिक्री की जाएगी।भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 1 फरवरी और 2 फरवरी को आयोजित पहली ई-नीलामी के सभी विजेता बोलीदाताओं को निर्देश जारी किया है कि वे लागत का भुगतान करें और देश भर के संबंधित डिपो से तुरंत स्टॉक उठाएं और कीमतों को और नियंत्रित करने के लिए इसे संबंधित बाजारों में उपलब्ध कराएं। ई-नीलामी में बिकने वाले गेहूं के उठाव और आटा बाजार में उपलब्ध होने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है।
देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमत को संबोधित करने के लिए, मंत्रियों के समूह द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार, एफसीआई ने 1 और 2 फरवरी को ई-नीलामी में ओपन मार्केट सेल (NS:SAIL) स्कीम (घरेलू) के तहत विभिन्न मार्गों के माध्यम से केंद्रीय पूल स्टॉक से गेहूं की ई-नीलामी के लिए निर्धारित 25 एलएमटी गेहूं स्टॉक में से 22 एलएमटी की पेशकश की।
ई-नीलामी में, पहले सप्ताह में 1150 से अधिक बोली लगाने वाले भाग लेने के लिए आगे आए और पूरे देश में 9.2 एलएमटी की मात्रा में बिक्री हुई।
इससे पहले, गुरुवार को, खाद्य विभाग ने उपभोक्ताओं को विभिन्न आउटलेट्स के माध्यम से 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर अटा (गेहूं का आटा) की बिक्री की प्रगति की समीक्षा की थी, जिसका उद्देश्य आवश्यक वस्तु की उच्च दर की जांच करना था।
बैठक के दौरान, जिसमें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (एनएएफईडी) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के अधिकारियों ने भाग लिया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि इन संस्थानों को एफसीआई डिपो से 3 लाख मीट्रिक टन तक गेहूं का उठाव करेगी और इसे आटा में परिवर्तित कर विभिन्न खुदरा दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से आटा बेचेगी। इन संस्थानों ने निर्धारित मूल्य पर आटे की आपूर्ति करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें बोरियों पर एमआरपी मोटे तौर पर लिखा हुआ था।
--आईएएनएस
एसकेके/एएनएम