नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने गुरुवार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को कॉल करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के प्रस्ताव के जवाब में गोपनीयता और कार्यान्वयन पर चिंता जताई।आईएएमएआई ने तर्क दिया कि टेलीकॉम कंपनियों के लिए कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) को अनिवार्य बनाने का ट्राई का प्रस्ताव भारतीय नागरिकों की गोपनीयता के लिए एक भौतिक जोखिम प्रस्तुत करता है।
उद्योग निकाय ने तर्क दिया कि यह उन व्यक्तियों को भी खतरे में डाल सकता है, जो कॉल करने वाले की पहचान करना पसंद नहीं करते हैं।
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 1145.5 मिलियन वायरलेस ग्राहक और 26.5 मिलियन वायरलाइन ग्राहक हैं (सितंबर 2022 तक)।
आईएएमएआई ने कहा, इतनी बड़ी मात्रा में उपयोगकर्ताओं के लिए सीएनएपी के कार्यान्वयन के लिए दूरसंचार प्रदाताओं को एक सुरक्षित, सिंक्रनाइज और मजबूत प्रणाली स्थापित करने की जरूरत होगी, जो प्रतिदिन अरबों कॉलों का समर्थन करने में सक्षम हो। इसके लिए वर्तमान दूरसंचार बुनियादी ढांचे के एक महत्वपूर्ण ओवरहाउल की जरूरत होगी।
इसके अलावा, यह उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ा गोपनीयता जोखिम पैदा करेगा।
इन मुद्दों के आलोक में आईएएमएआई ने सिफारिश की है कि टीआरएआई नागरिकों को एक विकल्प के रूप में ऑप्ट-इन दृष्टिकोण प्रदान करने पर विचार करे।
उद्योग निकाय ने कहा, नागरिकों को सीएनएपी सेवाओं को स्वेच्छा से चुनने और बाहर करने का विकल्प देने से यह सुनिश्चित होगा कि नागरिकों की पसंद और वरीयताओं को सबसे आगे रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके निजता के अधिकार की रक्षा की जाए।
ट्राई ने 17 फरवरी को मोबाइल फोन ऑपरेटरों के साथ वायरलाइन और वायरलेस सेवाओं की गुणवत्ता पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई है, विशेष रूप से 5जी रोलआउट के आसपास।
--आईएएनएस
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