रामनगर, 23 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड के रामनगर में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन में आने वाले अतिथि कड़े सुरक्षा घेरे में रहेंगे। ऊधमसिंह नगर से लेकर नैनीताल तक सड़कों व आयोजन स्थल के बाहर पुलिस छावनी बनेगी। प्रदेश के 2,566 पुलिस कर्मियों और आठ कंपनी पीएसी को सुरक्षा में लगाया जाएगा। आईजी समेत दो एसएसपी खुद भी मोर्चे पर डटे रहेंगे।20 सीओ, 27 इंस्पेक्टर, 163 दरोगा नैनीताल में ड्यूटी देंग, जबकिे 13 सीओ, 116 दरोगा उधम सिंह नगर में ड्यूटी पर तैनात होंगे।
जिम कार्बेट पार्क से सटे ढिकुली गांव में 28 से 30 मार्च तक जी-20 सम्मेलन प्रस्तावित है। प्रशासन की ओर से सड़कों की मरम्मत व दीवारों के रंगरोगन का कार्य कराया जा रहा है। अतिथियों के सुरक्षा की जिम्मेदारों दो जिलों के पुलिस कप्तानों की है।
इनसे भी बड़ी जिम्मेदारी आईजी कुमाऊं डा. नीलेश आनंद भरणे की हो जाती है। आईजी लगातार दोनों जिलों के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। साथ ही कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। डिमांड के हिसाब से मुख्यालय को पत्र भेजकर फोर्स मंगाई जा रही है। 27 मार्च तक पुलिस दोनों जिलों में पहुंच जाएगी। पुलिस कर्मियों को ब्रीफ कर उनकी जिम्मेदारियां तय होंगी। सुरक्षा कर्मियों की संख्या पुलिस ने जारी की है।
आपको बता दें कि, रामनगर में होने वाली जी-20 बैठक के लिए तैयारियां तेजी से चल रही है। जी-20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक 28 से 30 मार्च, 2023 तक होगी। ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता कर रहा है।
जी-20 बैठक के लिए रामनगर में तमाम तैयारियां चल रही हैं। जी-20 उत्तराखंड के उत्पादों को नई ऊंचाई दे सकता है। इसके अलावा बैठक में पहुंचने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की संस्कृति से भी अवगत कराया जाएगा। इसके लिए रामनगर कॉलेज की दीवारों पर उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित बन रही कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। बैठक में अमेरिका और जापान सहित 100 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जी-20 बैठक ने रामनगर की तस्वीर भी पूरी तरह से बदल दी है। रामनगर महाविद्यालय व पीडब्ल्यूडी की दीवारों के बाहर खूबसूरत पेंटिंग के जरिए उत्तराखंड की संस्कृति को दिखाया जा रहा है। हल्द्वानी निवासी कुसुम पांडे द्वारा कलाकृतियां बनाई जा रही हैं।
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स्मिता/एसकेपी