वाशिंगटन, 2 मई (आईएएनएस)। चीनी फास्ट फैशन ब्रांड शीन पर आरोप है कि वह कपड़ों के उत्पादन में उइघर के मजदूरों से जबरदस्ती काम करवा रहा है। अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने इस ब्रैंड के खिलाफ अब जांच की मांग की है। मीडिया में ये जानकारी दी गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह फर्म अमेरिका में अपने शेयर बेचने जा रही है। इस खबर के बाद जांच के लिए वॉल स्ट्रीट वॉचडॉग को अमेरिकी सांसदों का लिखा एक पत्र भेजा गया है।
शीन ने बीबीसी से कहा, जबरन मजदूरी को हम कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं।
कंपनी ने यह भी कहा कि फिलहाल वॉल स्ट्रीट पर लिस्टिंग की उसकी कोई योजना नहीं है।
पत्र पर दो दर्जन रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र ने अंडरपेड और जबरन मजदूरी का उपयोग करने के विश्वसनीय आरोपों का हवाला दिया।
इसने प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) से शीन को स्वतंत्र रूप से ऑडिट करने और यह सत्यापित करने के कहा कि कंपनी उइगर मजबूर श्रम का उपयोग नहीं करती है, इससे पहले कि इसे अमेरिका में शेयर बेचने की अनुमति दी जाय।
पत्र के जवाब में शीन ने बीबीसी से कहा, हम मानवाधिकारों का सम्मान करने और हर बाजार में स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमारे आपूर्तिकर्ता एक सख्त आचार संहिता का पालन करते हैं जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के मुख्य सम्मेलनों से जुड़ा है।
अमेरिका और ब्रिटेन सहित मानवाधिकार समूहों और पश्चिमी सरकारों ने चीन पर जबरन मजदूरी और खास कर मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक उइगरों को नजरबंद करने का आरोप लगाया है।
दिसंबर 2020 में, शोध से पता चला कि शिनजियांग में करीब पांच लाख लोगों को कपास चुनने के लिए मजबूर किया गया था। बीबीसी ने बताया कि बीजिंग किसी भी अधिकार के हनन से इनकार करता है।
--आईएएनएस
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