💎 किसी भी बाजार में छिपे अंडरवैल्यूड स्टॉक्स का खुलासा करेंशुरू करें

सौ करोड़ के टीसीएस जॉब घोटाले के बाद बड़ी आईटी कंपनियों के एचआर में फेरबदल संभव

प्रकाशित 24/06/2023, 11:17 pm
© Reuters.  सौ करोड़ के टीसीएस जॉब घोटाले के बाद बड़ी आईटी कंपनियों के एचआर में फेरबदल संभव
DX
-

चेन्नई, 24 जून (आईएएनएस)। विशेषज्ञों का कहना है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में उजागर हुए नौकरियों के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के रिश्वत घोटाले से न केवल कंपनी की प्रतिष्ठा पर असर पड़ा है, बल्कि इसका भारतीय आईटी उद्योग पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा और कुछ सफाई होगी।विशेषज्ञों ने कहा कि नौकरियों के लिए टीसीएस रिश्वत घोटाला न केवल इसके ग्राहकों के मन में बल्कि भारतीय आईटी कंपनियों के अन्य ग्राहकों के मन में भी विभिन्न परियोजनाओं पर काम करने वाले लोगों की गुणवत्ता के बारे में संदेह पैदा करेगा।

उन्होंने कहा कि इस घोटाले से मानव संसाधन भर्ती प्रणाली को साफ-सुथरा बनाने में भी मदद मिलेगी क्योंकि टीसीएस द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई स्टाफिंग कंपनियां कई बड़ी भारतीय आईटी कंपनियों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।

सीधे शब्दों में कहें तो, टीसीएस के कुछ कर्मचारियों ने स्टाफिंग कंपनियों और नियुक्त कर्मियों से रिश्वत ली - नौकरियों के लिए रिश्वत। एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला काफी समय से चल रहा है और इसमें शामिल राशि लगभग 100 करोड़ रुपये है।

उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, कंपनी के आकार को देखते हुए इतना बड़ा घोटाला संभव बड़ी बात नहीं है।

सीआईईएल एचआर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, एक अरब डॉलर के कारोबार वाली आईटी कंपनी के लिए लगभग 60 प्रतिशत जनशक्ति लागत होगी, जो कि 60 करोड़ डॉलर है। उसके 15 प्रतिशत कर्मचारी अनुबंध कर्मचारी होंगे, जिसकी लागत लगभग नौ करोड़ डॉलर प्रति वर्ष होगी। इस पर एक प्रतिशत रिश्वत भी काफी बड़ी राशि होगी।

बेंगलुरु स्थित सीआईईएल एचआर सर्विसेज अग्रणी मानव संसाधन सेवा कंपनियों में से एक है।

टीसीएस ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि (एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार एक व्हिसिल ब्लोअर से) शिकायत प्राप्त होने पर उसने शिकायत में आरोपों की जांच करने के लिए एक समीक्षा शुरू की थी।

कंपनी ने कर्मचारियों और वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे को टालते हुए कहा, समीक्षा के आधार पर: (1) इसमें कंपनी द्वारा या उसके खिलाफ कोई धोखाधड़ी शामिल नहीं है और कोई वित्तीय प्रभाव नहीं है; (2) मामला कुछ कर्मचारियों और ठेका कर्मचारी प्रदान करने वाले वेंडरों द्वारा कंपनी की आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित है; और (3) कंपनी का कोई भी प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति इसमें शामिल नहीं पाया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने अपने कुछ मानव संसाधन वेंडरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और कुछ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।

मिश्रा ने कहा, कुछ स्टाफिंग कंपनियों के नाम टीसीएस द्वारा काली सूची में डाले जा रहे हैं। टीसीएस को लोगों की आपूर्ति करने वाले वेंडर अन्य प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों को भी कर्मचारियों की आपूर्ति करते हैं। उन आईटी कंपनियों को अपनी नियुक्ति प्रक्रिया की जांच करनी होगी।

उनके अनुसार, मध्य स्तर के अनुबंध या छोटी अवधि के रोजगार के संबंध में गुप्त सौदे आम तौर पर छोटी मानव संसाधन कंपनियों द्वारा किए जाते हैं।

मिश्रा ने कहा, कंपनियां छोटी अवधि की नियुक्ति इसलिए करती हैं क्योंकि उनके पास कुशल कर्मचारी उपलब्ध नहीं होते हैं और वेकेंसी भी छोटी अवधि की होती है। बड़ी कंपनियों के पास लगभग 10-20 प्रतिशत कर्मचारी अनुबंध पर होंगे।

टीसीएस नौकरी घोटाले के मद्देनजर, 120 से अधिक सदस्यों वाले भारतीय स्टाफिंग फेडरेशन (आईएसएफ) ने एक बयान में कहा कि एक समुचित प्रक्रिया के जरिए ही कोई भी स्टाफिंग कंपनी उसका सदस्य बनती है।

आईएसएफ ने कहा, हम कॉर्पोरेट और सरकार सहित सभी हितधारकों से आग्रह करते हैं कि वे ऐसी स्टाफिंग कंपनियों पर विचार करें जो नैतिक रोजगार प्रथाओं और नियामक अनुपालन को प्राथमिकता दें।

टीसीएस में नौकरी घोटाला बड़ा हो सकता है लेकिन निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा कॉरपोरेट्स के मानव संसाधन अधिकारियों को प्रलोभन लंबे समय से दिया जा रहा है।

मिश्रा ने कहा, यह सच है कि दूसरे दर्जे के कुछ शैक्षणिक संस्थान कॉरपोरेट के एचआर अधिकारियों को कैंपस प्लेसमेंट के लिए अपनी टीम भेजने के लिए लुभाते हैं।

जो भी हो, टीसीएस को नौकरी के लिए रिश्वत घोटाले के कारण अपनी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान का प्रबंधन करना होगा।

एक प्रतिष्ठा सलाहकार ने आईएएनएस को बताया, इस विशेष मामले में रिश्वत का जो मूल्य बताया गया है, अगर वह सच है तो ऐसा लगता है कि यह निश्चित रूप से एक प्रमुख कॉपोर्रेट प्रशासन पहलू का मुद्दा है, जिसे ब्रांड प्रतिष्ठा निवारण के हिस्से के रूप में तय करने की आवश्यकता है।

--आईएएनएस

एकेजे

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित