iGrain India - नई दिल्ली । पिछले दिन (5 जुलाई को) राज्यों के खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में मोटे अनाजों की खरीद बढ़ाने हेतु एक व्यापक एवं समेकित रणनीति पर विचार करते हुए इसका निर्माण किया गया। तदनुरूप 1 अक्टूबर से आरंभ होने वाले 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान कुल 26.14 लाख टन मोटे अनाजों की रिकॉर्ड खरीद करने का निर्णय लिया गया जिसमें से 22.31 लाख टन का विपणन-वितरण होने की संभावना है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मोटे अनाजों / मिलेट्स पर यह रणनीतिक फोकस व्यापक एवं विस्तृत उद्देश्य को प्रदर्शित करता है। इससे लाभार्थियों की पोषण सुरक्षा को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी।
केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने खाद्यान्न की खरीद एवं उसके वितरण के लिए राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी राज्यों को सहकारी संघ की भावना के साथ केन्द्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने सभी राज्यों को केन्द्र सरकार के पास लम्बित बकाए के दावे का आवेदन जल्दी से जल्दी जमा करने के लिए कहा ताकि उसका शीघ्रता से निस्तारण संभव हो सके।
खाद्य मंत्री का कहना था कि आम लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने तथा घरेलू बाजार में खाद्यान्न की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए अनाज की खरीद प्रक्रिया में सुधार करना अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है।
इस अवसर पर खाद्य मंत्री ने एक नया शुगर- एथनॉल पोर्टल भी लांच किया जिस पर मिलें नियमित रूप से अपने उत्पादन एवं विपणन के आंकड़े पर रिटर्न फाइल कर सकती हैं।
एक जानकर का कहना है कि पोषण सुरक्षा के साथ-साथ सरकार एक अन्य उद्देश्य से भी मोटे अनाजों का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए बढ़ाना चाहती है।
केन्द्रीय पूल में चावल तथा गेहूं का स्टॉक सीमित है और यदि मोटे अनाजों का वितरण हुआ तो इस खाद्यान्न के स्टॉक पर दबाव कुछ घट जाएगा।